नाग पंचमी 2020 : बन रहा यह खास संयोग, जानें व्रत से जुड़ी जानकारी

पवित्र श्रावण मास जारी हैं जिसे व्रत-त्यौंहार के लिए जाना जाता हैं। आने वाली 25 जुलाई को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी हैं जिसे नागपंचमी के रूप में पूजा जाता हैं। आज के दिन नागों की पूजा की जाती हैं। भगवान शिव के गले में भी नाग विराजमान हैं जिसका नाम वासुकि है। इस बार नागपंचमी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के बाद हस्त नक्षत्र रहेगा। इस दौरान मंगल वश्‍चिक लग्न में होंगे खास संयोग यह है कि इसी दिन कल्कि भगवान की जयंती भी है और इसी दिन विनायक चतुर्थी व्रत का पारण होगा।

पंचमी तिथि प्रारंभ - 14:33 (24 जुलाई 2020)
पंचमी तिथि समाप्ति - 12:01 (25 जुलाई 2020)
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त :05:38:42 से 08:22:11 तक
अवधि : 2 घंटे 43 मिनट

नाग पंचमी के देव : नागपंचमी पूजा और व्रत के आठ नाग देव माने गए हैं- अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों की पूजा की जाती है।

नागपंचमी व्रत : नाग पंचमी के व्रत करने के लिए चतुर्थी के दिन एक बार भोजन करें तथा पंचमी के दिन उपवास करके शाम को व्रत खोलें।

नाग पूजा : नागपंचमी पर वासुकि नाग, तक्षक नाग और शेषनाग की पूजा का विधान है। पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति को लकड़ी की चौकी के ऊपर रखकर फिर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़कर नाग देवता की पूजा की जाती है। उसके बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर अर्पित किया जाता है। फिर आरती उतारी जाती है। यदि सपेरा आए तो उसके नाग की पूजा करने का भी प्रचलन है फिर सपेरे को दक्षिणा देकर विदाया किया जाता है। अंत में नाग पंचमी की कथा सुनी जाती है।