विवाह में देरी होने पर आजमाए गोमती चक्र का यह उपाय, जल्द बजेगी शहनाई

अक्सर देखा जाता हैं कि कई लोगों की बड़ी उम्र के बाद भी शादी नहीं हो पाती हैं और उनके विवाह में देरी होने लगती हैं। इस वजह से वे परेशान रहने लगते हैं। इसका कारण उनकी कुंडली में उपस्थित कई दोष भी हो सकते हैं जिनका निवारण करना बहुत जरूरी हो जाता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए गोमती चक्र का एक ऐसा उपाय लेकर आए हैं जिसकी मदद से विवाह में हो रही देरी को दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इस उपाय के बारे में।

सर्वप्रथम 25 गोमती चक्र लें और किसी गुरुवार को पूजा स्थल पर पीला रेशमी रुमाल बिछाएं। उस पर पीतल की थाली रखेँ। थाली पर केसर व हल्दी मिलाकर तर्जनी उंगली से “ॐ जीवाय नम:, ॐ स्वर्णकायाय नम:, ॐ चतुर्भुजाय नम:” लिखें।

अब आप सभी गोमती चक्र थाली में रखकर उस पर भी हल्दी केसर से तिलक करें। फिर हल्दी की माला से “ॐ बृं बृहस्पत्ये नम:” का जाप करें। जाप के बाद तीन गोमती मंत्र पीले रुमाल के कोने में बांध कर अपने पास रखें (जब तक विवाह न हो जाए)। और थाली में जो आपने मंत्र लिखे थे उनको पानी से धो लें। उस पानी को अपने स्नान के जल में मिलकर स्नान कर लें।

बचे हुए 22 गोमती चक्र को शुद्ध स्थान पर रख दें। एक गोमती चक्र को लेकर किसी निर्जन स्थान पर जाएं और स्वयं पर से 7 बार वार कर दक्षिण दिशा की और फेंक दें। एक चक्र को वार कर बहते जल में प्रवाहित करें। यह कार्य आप उसी दिन करें जिस दिन (गुरुवार) आपने प्रयोग आरंभ किया है।

अब बचे हुए 20 गोमती चक्रों को बीस दिन नियमित रूप से एक एक करके उपरोक्त विधि से अपने ऊपर से वार कर जल में प्रवाहित करते जाएं। जिस दिन आपका यह प्रयोग पूर्ण हो जाए आप किसी भी केले के वृक्ष पर जल में केसर, हल्दी, शहद और गुड को 300 ग्राम बेसन के लड्डू के भोग के साथ अर्पित करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। कुछ समय में आपको स्पष्टत: परिणाम दिखने लगेंगे। विवाह तय हो जाने पर विवाह की रस्म से पूर्व अपने पास में रखें गोमती चक्र जल में प्रवाहित कर दें। या आप विवाह पश्चात भी इन्हें जल में प्रवाहित कर सकते हैं। यह उपाय कन्या और पुरुष दोनों कर सकते हैं।