Bakrid 2019: यह दिन है कुर्बानी का, जानें पाक कुरान शरीफ में कही गई इससे जुड़ी बातें

आज ईद-उल-अजहा अर्थात बकरीद का त्यौंहार पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाना हैं और इसकी रौनक काफी दिनों से बाजारों में देखी जा सकती हैं। बकरीद का यह त्यौंहार मुस्लिम सम्प्रदाय के लिए बहुत महत्व रखता हैं। आज के दिन को कुर्बानी का दिन कहा जाता है जिससे यह सन्देश मिलता है कि समय आने पर समाज की भलाई के लिए अपनी सबसे अजीज चीज को भी कुर्बान कर देना चाहिए। आज हम आपको पाक कुरान शरीफ में बताई गई कुर्बानी से जुड़ी बातों और इससे जुड़े नियमों की जानकारी देने जा रहे है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

कुरान की रोशनी में देखा जाए तो जो लोग हज करने जा रहे हैं, उन्हें कुर्बानी जरूर देनी चाहिए। साथ ही उन लोगों को भी कुर्बानी देनी चाहिए, जिनकी क्षमता है कुर्बानी देने की। हर किसी के लिए कुर्बानी देना अनिवार्य नहीं है। इस्लामिक विषयों के जानकार ने बताया कि फुका में कुर्बानी का एक बड़ा न‌ियम यह है क‌ि जिनके पास 613 से 614 ग्राम चांदी है या आज के ह‌िसाब से इतनी चांदी की कीमत के बराबर धन है उन पर कुर्बानी फर्ज है यानी उसे कुर्बानी देनी चाह‌िए।

कुरान के अनुसार कुर्बानी देने के लिए किसी से कर्ज लेना जायज नहीं है। जिनके ऊपर कर्ज है उन्हें पहले अपना कर्ज उतारना चाहिए, कर्ज रहते कुर्बानी देना अल्लाह को पसंद नहीं है, इसे अल्लाह कुबूल नहीं करते हैं।

कुरान में बताया गया है कि जो लोग अपनी कमाई का ढाई प्रतिशत हिस्सा समाज सेवा के लिए या जरूतमंद को दान में देते हैं उन्हें जानवर की कुर्बानी देने की जरूरत नहीं है। उनके द्वारा किया गया दान ही कुर्बानी के तौर पर अल्लाह कुबूल कर लेता है।