कजली तीज मनाने का तरीका

भारतीय हिन्दू समाज में कई व्रत और त्योंहार आते हैं और सभी अपनी विशेषता के लिए जाने जाते हैं। हिन्दू धर्म में हर व्रत और त्योंहार को विधिपूर्वक और आस्था के साथ मनाया जाता हैं। ऐसे ही एक त्योहार है कजली तीज जिसे बड़ी तीज के नाम से भी जानतें हैं। इस बार यह त्योंहार 29 अगस्त, बुधवार को मनाया जा रहा हैं। इस त्योंहार का एक सुहागन के लिए बड़ा महत्व माना जाता हैं और वे अपने पति की दीर्घायु के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। व्रत के साथ किये गए ओर भी काम इस दिन का महत्व बढाते हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में जो इस दिन किये जाने चाहिए।

* इस दिन हर घर में झूला डाला जाता है। और औरतें इस में झूल कर अपनी ख़ुशी व्यक्त करती है।

* इस दिन औरतें अपनी सहेलियों के साथ एक जगह इकट्ठी होती है और पूरा दिन नाच गाने मस्ती में बिताती है।

* औरतें अपने पति के लिए व कुआरी लड़की अच्छे पति के लिए व्रत रखती है।

* तीज का यह व्रत कजली गानों के बिना अधूरा है। गाँव में लोग इन गानों को ढोलक मंजीरे के साथ गाते है।

* इस दिन गेहूं, जौ, चना और चावल के सत्तू में घी मिलाकर तरह तरह के पकवान बनाते है।

* व्रत शाम को चंद्रोदय के बाद तोड़ते है, और ये पकवान खाकर ही व्रत तोड़ा जाता है।

* विशेषतौर पर गाय की पूजा होती है।

* आटे की 7 रोटियां बनाकर उस पर गुड़ चना रखकर गाय को खिलाया जाता है। इसके बाद ही व्रत तोड़ते है।