हिन्दू धर्म में ग्रंथों और पुराणों का एक विशेष स्थान है। क्योंकि ग्रंथों और पुराणों में ऐसे कई कामों का वर्णन किया गया है जो हमारे जीवन को सही दिशा देते हैं और भटकने से बचाते हैं। इसी तरह से शास्त्रों में ऐसे कई काम बताये गए हैं जिन्हें करने से इंसान अपमान का भोगी होता हैं। कुछ ऐसे काम हैं जिनको करने से समाज और परिवार में व्यक्ति की साख गिरने लगती हैं और हर जगह उसका तिरस्कार किया जाता हैं। आज हम आपको शास्त्रों में वर्णित कुछ ऐसे ही काम बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए, नहीं तो आप अपमान के भोगी होंगे। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में।
* संतान की अनदेखी करना यदि कोई व्यक्ति संतान के पालन-पोषण में अनदेखी करता है तो संतान बिगड़ जाती है। संतान संस्कारी नहीं है और गलत काम करती है तो इससे अपमान ही प्राप्त होता है। जब घर के बड़ों की अनदेखी होती है तो संतान असंस्कारी हो सकती है। अत: माता-पिता को संतान के अच्छे भविष्य के लिए उचित देखभाल करनी चाहिए। संतान को अच्छे संस्कार मिले इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
* लालच करना जो लोग धनी हैं, लेकिन घर-परिवार की जरुरतों पर खर्च नहीं करते हैं, धन के लिए लालच करते हैं, उन्हें समाज में सम्मान प्राप्त नहीं हो पाता है। धन को जरूरतों पर भी खर्च न करने या कंजूस होने पर धन की लालसा और अधिक बढ़ती है। इससे व्यक्ति और अधिक पैसा कमाने के लिए गलत काम कर सकता है।
* धन अभाव होने पर अधिक दान करना जो लोग अपनी आय से अधिक खर्च करते हैं, अत्यधिक दान करते हैं, वे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। आय से अधिक दान करते हैं, आमदनी कम होने या धन अभाव होने पर भी शौक पूरे करना, मौज-मस्ती करना, फिजूलखर्च करना पूरे परिवार को संकट में फंसा सकता है। इस काम से अपमान ही मिलता है।
* दुष्ट लोगों के साथ रहना अच्छी या बुरी संगति का असर हमारे जीवन पर होता है। यदि हमारी संगत गलत लोगों के साथ है तो कुछ समय तो सुख की अनुभूति होगी, लेकिन परिणाम बहुत बुरा हो सकता है। बुरी संगत से बचना चाहिए।
* दूसरों का अहित करना जो लोग स्वयं के स्वार्थ को पूरा करने के लिए दूसरों का अहित करते हैं, वे लोग इस काम के भयंकर फल प्राप्त करते हैं। इस काम से व्यक्ति के साथ ही परिवार को भी नुकसान, अपमान का सामना करना पड़ सकता है।