आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे धनतेरस पर राशिनुसार किए गए ये काम

आने वाले दिनों में दिवाली का पावन पर्व शुरू होने वाला हैं जिसकी शुरुआत होती हैं धनतेरस के दिन से जो कि इस बार 13 नवंबर (शुक्रवार) को हैं। इस दिन घर में दीपक जलाते हुए शुभता की रोशनी फैलाई जाती हैं और कुबेर, धनवन्तरी और माँ लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश की जाती हैं। धनतेरस के दिन कई ज्योतिषीय उपायों की मदद ली जाती हैं ताकि कृपा दृष्टि पाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाया जा सकें। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए धनतेरस पर राशिनुसार किए जाने वाले कुछ उपायों की जानकारी लेकर आए हैं जिनको करने से आपको धन-संपत्ति का लाभ होगा। तो आइये जानते है इन उपायों के बारे में।

मेष

यदि आप धनतेरस के दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक में दो काली गुंजा डाल दें, तो साल भर आर्थिक अनुकूलता बनी रहेगी। आपका उधार दिया हुआ धन भी प्राप्त हो जाएगा।

वृषभ

यदि आपके संचित धन का लगातार खर्च हो रहा है तो धनतेरस के दिन पीपल के पांच पत्ते लेकर उन्हे पीले चंदन में रंगकर बहते हुए जल में छोड़ दें।

मिथुन

बरगद से पांच फल लाकर उसे लाल चंदन में रंगकर नए लाल वस्त्र में कुछ सिक्कों के साथ बांधकर अपने घर अथवा दुकान में किसी कील से लटका दें।

कर्क

यदि आपको अचानक धन लाभ की आशा हो तो धनतेरस के दिन शाम के समय पीपल वृक्ष के समीप तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं।

सिंह

यदि व्यवसाय में बार-बार हानि हो रही हो या घर में बरकत ना रहती हो तो धनतेरस के दिन से गाय को रोज चारा डालने का नियम लें।

कन्या

यदि जीवन में आर्थिक स्थिरता नहीं हो तो धनतेरस के दिन दो कमलगट्टे लेकर उन्हें माता लक्ष्मी के मंदिर में अर्पित करें।

तुला

यदि आप आर्थिक परेशानी से जुझ रहे हैं तो धनतेरस के दिन शाम को लक्ष्मीजी के मंदिर में नारियल चढ़ाएं।

वृश्चिक

यदि आप निरंतर कर्ज में उलझ रहें हो तो धनतेरस के दिन श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल वृक्ष पर चढ़ाएं।

धनु

धनतेरस के दिन गुलर के ग्यारह पत्तों को मोली से बांधकर यदि किसी वट वृक्ष पर बांध दिया जाए, तो आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

मकर

यदि आप आर्थिक समस्या से परेशान है, किंतु रूकावटें आ रही हों, तो आक की रूई का दीपक शाम के समय किसी तिहारे पर रखने से आपको धन लाभ होगा।

कुंभ

जीवन स्थायी सुख-समृद्धि हेतु प्रत्येक धनतेरस की रात में पूजन करने वाले स्थान पर ही रात्रि में जागरण करना चाहिए।

मीन

यदि व्यवसाय में शिथिलता हो तो केले के दो पौधे रोपकर उनकी देखभाल करें तथा उनके फलों को नहीं खाएं।