घर में आई बिमारियों का कारण बनते हैं ये वास्तुदोष, जानें और पाए छुटकारा

वर्तमान समय में व्यक्ति का स्वस्थ जीवन ही उसकी सबसे बड़ी पूंजी हैं और इसे पाने के लिए व्यक्ति अपने खानपान, रहन-सहन और दिनचर्या पर बहुत ध्यान देता हैं। लेकिन अक्सर देखा गया हैं कि इसके बावजूद भी घर में कोई ना कोई बीमार पड़ता ही रहता हैं। ऐसे में इसका कारण बनते हैं वास्तुदोष। जी हां, घर में उपस्थित वास्तुदोष, अपने साथ कई बीमारियां लेकर आते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही वास्तुदोष के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें बदलाव लाकर स्वस्थ रहा जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

मेन गेट पर नहीं होनी चाहिए ये चीजें

घर के मुख्य द्वार के बिल्कुल सामने पेड़ या कोई खंभा नहीं होना चाहिए। यह बच्चों के बार- बार बीमार होने का कारण बनाता हैं। ऐसे में तुरंत इन्हें हटवा दें। आप मेन गेट पर नियमित रूप से स्वास्तिक बनाकर उसकी पूजा करके भी इसके बुरे प्रभाव से बच सकते है।

इन पौधों से रखें दूरी

पौधों के खराब या सूख जाने पर उन्हें घर पर न रखें। कांटेदार पौधों को भी घर पर नहीं होने चाहिए। इससे घर के सदस्यों खासतौर पर बुजुर्गों को सेहत संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। आप इसकी जगह घर के आग्नेय कोण में नियमित रूप से रेड कलर की कैंडल चलाए। ऐसा करने से घर में खुशहाली के साथ सभी की सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

मुख्य द्वार को साफ रखना है जरूरी

हमेशा घर के मेन गेट को साफ रखें। घर के बाहर गंदा पानी, कीचड़ या कचरे का जमा होना घर में बीमारियों को बुलाने का काम करती है। इसलिए घर के मुख्य द्वार पर कभी गंदगी न होने दें।

रसोई घर की सही दिशा

रसोई, घर के दक्षिण और पूर्व के मध्य के कोणीय स्थान में होनी चाहिए। जिसे आग्नेय कोण कहा जाता है। यह स्थान बिजली के उपकरण रखने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिशा में रसोईघर न होने पर घर के सदस्यों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं।

घर के बीच में ना रखें भारी चीजें

घर के बीचोंबीच की जगह को हमेशा खाली रखना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार इसे ब्रह्मस्‍थान माना जाता हैं। ऐसा करना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। अगर आपने इस जगह पर कोई भारी फर्नीचर या सामान रखा है तो तुरंत वहां से हटा लें।

पूजा घर

पूजास्थल का मुख्य द्वार के सामने और सीढ़ियों के नीचे बनवाना अशुभ माना जाता है। ऐसे घरों में भगवान की कृपा नहीं बल्कि नेगेटीविटी एनर्जी का वास होता है। इससे बचने के लिए पूजा घर इस तरह बनवाएं जिससे भगवान का मुख दक्षिण दिशा की ओर नजर आए। ऐसा करने से पॉजीटिव एनर्जी के साथ घर के सदस्यों की सेहत भी बनी रहेगी।