रक्षाबंधन स्पेशल : ग्रहों के बुरे फल से बचाएंगे ये ज्योतिषीय उपाय

आने वाली 3 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा है जिसे रक्षाबंधन त्यौहार के रूप में मनाया जाता हैं। रक्षाबंधन का यह त्यौंहार भाई-बहन के मजबूत रिश्ते को दर्शाता हैं। ज्योतिष में भी इस दिन का बड़ा महत्व माना जाता हैं और इस दिन किए गए उपायों की मदद से ग्रह दोष संबंधी निवारण किए जा सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको रक्षाबंधन पर आजमाए जाने वाले कुछ ज्योतिषीय उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको ग्रहों के बुरे फल से बचाएंगे। तो आइये जानते है इन उपायों के बारे में।

- जिन्हें कालसर्प दोष हो, वे सर्प पूजन करें तथा चांदी की डिब्बी में शहद भरकर वीराने में गाड़ें।

- माता सरस्वती का मंत्र 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' स्फटिक की माला पर यथाशक्ति जपें, लाभ होगा। चंद्र एवं राहु की शांति होगी।

- शत्रु शांति के लिए हनुमानजी को चोला चढ़ाएं तथा गुड़ का नेवैद्य, गुलाब के पुष्प चढ़ाएं।

- ऐसा कोई पौधा, जो किसी वटवृक्ष के नीचे लगा हो, घर में लाकर गमले में लगाएं, समृद्धि बढ़ेगी।

- नजर दोष हो तो फिटकरी का टुकड़ा नजर लगे व्यक्ति पर से उतारकर चूल्हे में जला दें, दोष दूर होगा।

- यदि घर में आए दिन दुर्घटना होती हों तो काली या महाकाली यंत्र को घर में छुपाकर स्थापित कर दें।

- जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि नीच या शत्रु राशि में या खराब स्थान पर बैठा हो, वे काले पत्थर के चौकोर टुकड़े पर शनि यंत्र खड़िया से बनाकर अपने ऊपर से 8 बार उतारकर कुएं में फेंक दें। फिर कभी उस कुएं का जल नहीं पीएं।

- राहु खराब होने की स्थिति में 11 नारियल पानी वाले अपने पर से उतारकर बहते जल में डालें।

- चन्द्र खराब होने की स्थिति में दूध से चन्द्र को अर्घ्य देकर वहीं बैठकर 'ॐ सोमेश्वराय नम:' का यथाशक्ति जप करें। दूध का दान करें।

- कांच की एक बोतल में सरसों का तेल भरकर उसे कांच के कंचे से ही बंद कर अपने पर से उतारकर बहते जल के नीचे बहाएं।

- किसी व्यक्ति ने पैसा लिया तो है, लेकिन दे नहीं रहा। सूखे कपूर से काजल बनाएं, एक कागज पर उसका नाम काजल से लिखकर भारी पत्‍थर के नीचे दबा दें, लाभ होगा।

- बीमारी ठीक न हो रही हो तो रात्रि में कुछ हलुवा पत्तल पर रखकर रोगी पर से 11 बार उतारकर चौराहे पर रख दें या रात्रि में एक दिन पहले कोई सिक्का रोगी के सिरहाने रख दें। सुबह श्मशान में फेंक दें।

- विवाह न हो रहा हो तो पुराना ताला जो खुला हो तथा खराब भी न हो, चाबी अपने पास रख लें तथा अपने से पर से उतारकर रात्रि में चौराहे पर फेंक दें, पलटकर न देखें।