Lunar Eclipse 2020 : अशुभ परिणाम देते हैं चंद्रग्रहण के दौरान किए गए ये 7 काम

आने वाली आषाढ़ मास की पूर्णिमा जो कि गुरु पूर्णिमा हैं के दिन साल 2020 का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा हैं। यह चंद्रग्रहण 5 जुलाई को लगना हैं जो कि एक उपछाया हैं जिसके चलते इसमें सूतक काल का इतना महत्व नहीं रहता हैं। लेकिन ग्रहण के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन काम के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें चंद्रग्रहण के दौरान नहीं किया जाना चाहिए अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

इनका अपमान ना करें

सूतक काल से ही ध्यान रखें कि किसी भी गरीब व असहाय व्यक्ति या फिर अपने मां-बाप का अपमान ना करें। संभव हो तो इनकी मदद करें और इसको अपनी आदत बना लें। शास्त्रों में बताया गया है कि गरीब व असहाय का अपमान करने पर शनिदेव की बुरी नजर उस पर पड़ती है।

मूर्ति को न करें स्पर्श

शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्म होने तक किसी भी भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान भगवान का मन में ध्यान करना चाहिए। ध्यान रखें कि भगवान को भी ग्रहण के दर्शन ना हों। क्योंकि मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं।

बाहर खाने से बचें

सूतक काल से ग्रहण खत्म होने तक बाहर खाना-पीना नहीं चाहिए। साथ ही किसी अनजान व्यक्ति कोई भी आपको कुछ भी खाने को दे तो नहीं लेना चाहिए। ग्रहण के दौरान कई लोग टोना-टोटका करते हैं। अगर कोई भी चीज दे तो उसकी जानकारी अपने घर पर जरूर दें। साथ ही इस दिन मांस-मदिरा और शराब के सेवन से करना नहीं चाहिए।

इन जगहों पर न जाएं

ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्ति बहुत हावी रहती हैं, इस दौरान इनकी शक्तियां बढ़ जाती हैं। यह शक्तियां किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। बेहतर होगा कि ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान या श्मशान जैसी जगहों से जाने से बचें। ग्रहण के दौरान घर पर ही पूजा करें।

न बनाएं शारीरिक संबंध

शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान स्त्री-पुरुष प्रसंग से बचना चाहिए। इस दौरान संबंध बनाना अशुभ और परलोक में कष्टकारी माना गया है। इस समय गर्भधारण से संतान पर बुरा प्रभाव पड़ता है, ऐसा शास्त्रों का मत है। इस समय शरीर, मन तथा बुद्धि में सामंजस्य बनाए रखना चाहिए।

शुभ कार्य न करें

सूतक काल से ही कोई भी शुभ कार्य करने से बचें, अन्यथा वह कार्य आपके लिए अशुभ बन सकते हैं। साथ ही इस दौरान बाल और नाखून काटने से भी बचें, वहीं सिलाई-कढ़ाई, भोजन पकाना और खाना आदि कार्य नहीं करने चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि नहीं आती है।

वाद-विवाद से बचें

ग्रहण के दिन घर में या बाहर किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचना चाहिए, इससे घर का माहौल भी खराब रहता है। साथ ही घर में अशांति रहने से पितृगण की कृपा नहीं मिलती है। ग्रहण के दिन पितृगणों का ध्‍यान करें और उनका नाम लेकर कुछ दान करें।