रामनवमी 2020 : राम जन्म के समय हुई थी ये 5 रोचक घटनाएं

आने वाले दिनों में रामनवमी का पावन पर्व आने वाला हैं जो कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को आता हैं। यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। क्या आप जानते हैं कि राम जन्म के समय कई रोचक घटनाएं हुई थी, आज हम आपको उन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं।

राजा दशरथ ने किया था पुत्रेष्टि यज्ञ

रामचरितमानस के बालकांड के अनुसार राजा दशरथ ने पुत्र की कामना से पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। वशिष्ठजी ने श्रृंगी ऋषि को बुलवाया और उनसे शुभ पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराया। इस यज्ञ के बाद कौसल्या आदि प्रिय रानियों को पुत्र प्राप्त हुए।

शुभ योग में हुआ जन्म

योग, लग्न, ग्रह, वार और तिथि सभी अनुकूल हो गए तब श्रीराम का जन्म हुआ। पवित्र चैत्र का महीना था, नवमी तिथि थी। शुक्ल पक्ष और भगवान का प्रिय अभिजित्‌ मुहूर्त था। दोपहर का समय था। न बहुत सर्दी थी, न धूप (गरमी) थी।

चारों और मौसम खुशनुमा हो गया

वह पवित्र समय सब लोकों को शांति देने वाला था। जन्म होते ही जड़ और चेतन सब हर्ष से भर गए। शीतल, मंद और सुगंधित पवन बह रहा था। देवता हर्षित थे और संतों के मन में (बड़ा) चाव था। वन फूले हुए थे, पर्वतों के समूह मणियों से जगमगा रहे थे और सारी नदियां अमृत की धारा बहा रही थीं।

देवता उपस्थित हुए

जन्म लेते ही ब्रह्माजी समेत सारे देवता विमान सजा-सजाकर पहुंचे। निर्मल आकाश देवताओं के समूहों से भर गया। गंधर्वों के दल गुणों का गान करने लगे। सभी देवाता राम लला को देखने पहुंचे।

नगर में हुआ हर्ष व्याप्त

राजा दशरथ ने नांदीमुख श्राद्ध करके सब जातकर्म-संस्कार आदि किए और द्वीजों को सोना, गो, वस्त्र और मणियों का दान दिया। संपूर्ण नगर में हर्ष व्याप्त हो गया। ध्वजा, पताका और तोरणों से नगर छा गया। जिस प्रकार से वह सजाया गया। चारों और खुशियां ही खुशियां थीं। घर-घर मंगलमय बधावा बजने लगा। नगर के स्त्री-पुरुषों के झुंड के झुंड जहां-तहां आनंदमग्न हो रहे हैं।