पूजन में कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं ये 4 चीजें, नही होतीं बासी

आपने देखा होगा और पढ़ा होगा कि पूजन सामग्री में कभी भी ऐसी चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं जो उपयोग में की गई हो या बासी हो गई हो। लेकिन आज हम आपको शास्त्रों में वर्णित कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी बासी नहीं होती हैं और उन्हें पूजा में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं उन वस्तुओं के बारे में।

गंगाजल

धर्म शास्‍त्रों के मुताबिक पूजा में कभी भी बासी जल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। लेकिन गंगाजल का प्रयोग कभी भी किया जा सकता है। यह कभी भी बासी नहीं होता। स्‍कंदपुराण में भी इस बात का उल्‍लेख मिलता है। इसके अलावा वायुपुराण में भी यह बताया गया है कि गंगाजल भले ही सालों पुराना हो लेकिन वह कभी भी खराब नहीं होता।

बेलपत्र

शिव को अत्‍यंत प्रिय बेलपत्र भी कभी बासी नहीं होता। पूजा में इसका प्रयोग कभी भी किया जा सकता है। धर्म शास्‍त्रों के अनुसार बेलपत्र को एक बार श‍िवलिंग पर चढ़ाने के बाद धोकर दोबारा भोले नाथ को अर्पित किया जा सकता है। मंदिरों और घरों में शिवजी को चढ़ने वाले इस बेलपत्र का प्रयोग औषधि रूप में भी किया जाता है। आयुष विज्ञान में इसे स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कई परेशानियों में प्रयोग किया जाता है।

कमल पुष्प

पूजा-पाठ में फूलों का व‍िशेष महत्‍व होता है। कहा जाता है कि देवी-देवताओं को फूल चढ़ाने से पापों का नाश होता है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन कभी भी बासी फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। लेकिन धर्म शास्‍त्रों में एक ऐसे भी फूल यानी कि कमल का वर्णन मिलता है जो कि बासी नहीं माना जाता है। मान्‍यता है कि इस पुष्‍प को एक बार चढ़ाने के बाद भी आप पुन: चढ़ा सकते हैं। हालांकि इसकी बासी होने की पांच द‍िनों की अवधि बताई गई है। यानी कि एक बार प्रयोग करने के बाद इसे पांच द‍िनों तक न‍ियमित रूप से धोकर पूजा में प्रयोग किया जा सकता है।

तुलसी के पत्‍ते

धर्म शास्‍त्र में बताया गया है कि तुलसी के पत्‍ते कभी बासी नहीं होते। पूजा के लिए अगर तुलसी के नए पत्‍ते न मिले तो आप पुराने चढ़े हुए तुलसी के पत्‍ते भी चढ़ा सकते हैं। लेकिन जब आप इसे मंदिर से उतारें तो सीधे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। लेकिन यदि ऐसा कोई साधन न हो तो आप इसे किसी भी गमले या फिर क्‍यारी में डाल सकते हैं। लेकिन ध्‍यान रखें जहां भी आप तुलसी का पत्‍ता डाल रहे हों वहां बिल्‍कुल भी गंदगी न हो।