आपकी किस्मत खोल सकती हैं ये 10 मूर्तियां, वास्तु अनुसार करें इन्हें घर में स्थापित

वास्तु का हमारे जीवन से गहरा नाता होता हैं जिसमें बताई गई बातें जीवन में आई तकलीफों को दूर कर सकती हैं। वास्तु में कई ऐसी चीजों के बारे में बताया गया हैं जो आपकी किस्मत को संवारने का काम करती हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए वास्तु में बताई गई कुछ ऐसी मूर्तियों की जानकारी लेकर आए हैं जो जीवन में सकारात्मकता का संचार करते हुए किस्मत को चमकाने का काम करती हैं। इन मूर्तियों को रखने से आपकी काम सिद्ध होने लगते हैं एवं धन, समृद्धि और ऐश्‍वर्य की प्राप्ति होती हैं। तो आइये जानते हैं इन मूर्तियों को वास्तु अनुसार घर में कैसे स्थापित किया जाए।

घोड़े की मूर्ति : फेंगशुई के अनुसार घोड़े की मूर्ति रखने से जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की होती है। दौड़ते हुए घोड़े गति, सफलता और ताकत के प्रतीक होते हैं। इससे जीवन में तरक्की मिलती है। घोड़े की मूर्ति रखने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। यदि नौकरी और व्यापार में कोई परेशानी हो तो घोड़े की मूर्ति रखें। इसे अपने संस्थान में लगाएंगे तो सफलता मिलेगी। कहते हैं कि यह नकारात्मक उर्जा को खत्म करके सकारात्मक ऊर्जा और सोच का निर्माण करता है। फेंगशुई के अनुसार घर में घोड़े की मूर्ति रखने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है साथ ही घर में सुख-शांति आती है।

गणेश मूर्ति : घर अथवा दुकान, कार्यालय में वास्तु दोष उत्पन्न होने की स्थिति में गणेशजी की मूर्ति अवश्य रखें। श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करते समय विघ्नहर्ता की मूर्ति अथवा चित्र में उनकी सूंड बाएं हाथ की ओर घुमी हुई हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर में बैठे हुए गणेश जी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणपति जी की मूर्ति लगाना चाहिए, किंतु यह ध्यान रखें कि खड़े गणेश जी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों। इससे कार्य में स्थिरता आने की संभावना रहती है।

हनुमानजी की मूर्ति
: हनुमानजी की मूर्ति रखने का खासा महत्व है। वास्तुविज्ञान के अनुसार पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति जिस घर में होती है वहां उन्नति के मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और धन संपत्ति में वृद्धि होती है।

हंस की मूर्ति
: घर में अतिथि कक्ष में हंस के जोड़ों की मूर्ति स्थापित करें जिससे अपार धन-समृद्धि की संभावनाएं बढ़ जाएगी और घर में हमेशा शांति बनी रहेगी। दो हंसों के जगह आप दो बत्तख या दो सारस के जोड़े की मूर्ति भी लगा सकते हैं। इससे दांपत्य जीवन में भी सामंजस्य बना रहता है।

श्रीकृष्‍ण और राधा की मूर्ति
: जिस घर में श्रीकृष्‍ण और राधाजी की संयुक्त मूर्ति उचित स्थान पर रखी होती है उस घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता और घर के सभी सदस्यों में आपसी प्रेम एवं सहयोग बना रहता है।

कछुए की मूर्ती : फेंगशुई के अनुसार घर में कछुआ रखने से उन्नती के साथ ही धन-समृद्धि का योग बनता है। इसे रखने से आयु भी लंबी होने की मान्यता है। पूर्व और उत्तर दिशा कछुए की स्थापना हेतु सर्वोत्तम मानी गई है। ड्राइंग रूम में कछुआ रख सकते हैं किसी पात्र में जल भरकर। कछुआ धातु का होना चाहिए लकड़ी का नहीं।

मछली की मूर्ति
: कई लोग घर में एक्वेरियम में मछली पालते हैं परंतु उससे ज्यादा बेहतर होता है मछली की पीतल या चांदी की मूर्ति बनवाकर घर में रखना। वास्तु और फेंगशुई दोनों के अनुसार यह मूर्ति घर में खुशहाली और शांति को कायम करके उन्नती के रास्ते खोलती है। मछली अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि, धन और शक्ति का प्रतीक है। इस मूर्ति को आप अपने घर की उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में ही रख सकते हैं।

गाय बछड़े की मूर्ति
: बहुत से घरों में बछड़े को दूध पिला रही कामधेनु गाय की पीतल की मूर्ति होती है। गाय की मूर्ति रखने से संतान प्राप्ति के साथ ही मानसिक शांति मिलती है। फेंगशुई में भी इसका महत्व बताया गया है। पढ़ाई में एकाग्रता के लिए भी इस मूर्ति को गर में स्थापित करते हैं।

ऊंट की मूर्ति
: ऊंटी की मूर्ति भी घर में रखने का प्रचलन है। ऊंटों के जोड़े की मूर्ति को ड्राइंगरूम या लिविंग रूम में उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर रखा जाता है। ऊंट कठिन परिश्रम का प्रतीक है। करियर में उन्नती हेतु या व्यावसायीक प्रतिष्ठानों में ऊंटों की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है। यह मन को स्थिर रखकर सफलता प्रदान करता है। परिवार के लोग मानसिक रूप से सुदृड़ और रिलैक्स रहते हैं।