हथेली में सूर्य पर्वत की स्थिति तय करती है आपका भविष्य, जानें इसके बारे में

हस्‍तरेखाशास्‍त्र का महत्व ज्योतिष के अनुसार बहुत माना जाता हैं जिसकी मदद से किसी भी व्यक्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती हैं और उसकी स्थिति का आंकलन किया जा सकता हैं। ऐसे में हथेली में स्थिति सूर्य पर्वत का बहुत महत्व होता हैं जिसकी स्थिति दर्शाती हैं कि आपका जीवन किस ओर गतिशील होगा। आज इस कड़ी में हम आपको सूर्य पर्वत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं जो आपले लिए उपयोगी साबित होगी। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

अगर सूर्य पर्वत पर हों कटी रेखाएं तो

हस्‍तरेखाशास्‍त्र के अनुसार अगर क‍िसी जातक का सूर्य पर्वत दूष‍ित हो यानी कि उसपर कटी-प‍िटी रेखाएं हों तो ऐसे व्‍यक्ति को जीवन में कई तरह की द‍िक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। उसके कार्यों में सफलता म‍िलते-म‍िलते रह जाती है। इसे राहत पाने के लिए जातक को क‍िसी विद्वान की सलाह लेकर सूर्य देवता को प्रसन्‍न करने के उपाय करने चाहिए।

सूर्य तथा बुध का संयुक्‍त उभार हो तो

हस्‍तरेखाशास्‍त्र के अनुसार अगर सूर्य पर्वत और बुध पर्वत का संयुक्‍त उभार हो तो यह भी शुभ संकेत होता है। इसका अर्थ होता है क‍ि जातक काफी समझदार, योग्‍य और श्रेष्‍ठ वक्‍ता होगा। अपनी चतुराई के बल पर वह अपने बिगड़ते काम भी बना लेता है। ऐसे व्‍यक्ति धन के मामले में अत्‍यंत महत्‍वाकांक्षी होते हैं। कहा जाता है क‍ि ऐसे व्‍यक्ति सफल व्यापारी या उच्च स्थानों के प्रबंधक होते हैं।

अगर ऐसा हो सूर्य पर्वत तो

हस्‍तरेखाशास्‍त्र के अनुसार अगर क‍िसी की हथेली में सूर्य पर्वत का उभार अधिक और साथ ही साथ स्‍पष्‍ट भी हो तो यह शुभ संकेत होता है। इसका अर्थ होता है क‍ि सूर्य ग्रह जातक पर मेहरबान है। ऐसे व्‍यक्ति अगर प्रशासन‍िक सेवा में जाने के लिए प्रयास करेंगे तो उनके सफल होने के अधिक से अधिक चांसेज होते हैं। इसके अलावा ऐसे जातक व्‍यवसाय के क्षेत्र में भी खूब नाम कमाते हैं।

अगर सूर्य पर्वत हो ऐसा तो

हस्‍तरेखाशास्‍त्र के अनुसार यदि हथेली में सूर्य पर्वत शनि की ओर झुका या संयुक्त हो तो यह भी एक शुभ संकेत होता है। इसका अर्थ है क‍ि जात‍क वकालत के क्षेत्र में खूब नाम रोशन करेगा। इसके अलावा वह न्‍यायप्र‍िय भी होगा घर-पर‍िवार की बात हो या उसके कार्यक्षेत्र की वह कभी भी क‍िसी के साथ अन्‍याय नहीं होने देगा। ऐसे व्‍यक्तियों पर आंखें बंदकरके भरोसा क‍िया जा सकता है।

सूर्य पर्वत के साथ बृहस्‍पति पर्व भी उभरा हो तो

हस्‍तरेखाशास्‍त्र के अनुसार अगर सूर्य पर्वत के साथ बृहस्‍पति पर्व भी उभरा हुआ हो तो ऐसे व्‍यक्ति विद्वान, ज्ञानवान, मेधावी और धार्मिक विचारों वाले होते हैं। यह धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लेते हैं। वहीं सूर्य तथा शुक्र पर्वत उभरे हों तो ऐसे व्‍यक्ति विपरीत लिंग पर शीघ्र व स्थाई प्रभाव डालने वाले होते हैं।

सूर्य पर्वत पर अगर जाली हो तो

हस्‍तरेखाशास्‍त्र के अनुसार अगर सूर्य पर्वत पर जाली हो तो अशुभ होता है। कहते हैं क‍ि ऐसे व्‍यक्तियों पर सोच-समझकर भरोसा करना चाहिए। ये अपने काम बनाने के लिए दूसरों का नुकसान करने में पीछे नहीं रहते। वहीं अगर सूर्य पर्वत पर गुणा का चिह्न हो तो ऐसे व्‍यक्तियों को न‍िवेश संबंधी व्‍यापार करने से बचना चाहिए। अन्‍यथा इन्‍हें भारी नुकसान होता है।

सूर्य पर्वत पर हों ऐसे न‍िशान तो

हस्‍तरेखाशास्‍त्र के अनुसार अगर सूर्य पर्वत पर त्रिभुज बनना हो तो ऐसे जातकों को उच्च पद की प्राप्ति होती है। इनके मान-सम्‍मान में भी वृद्धि होती है। वहीं सूर्य पर्वत पर बिंदु या वृत्त हो तो ऐसे जातकों को नेत्र संबंधी व‍िकार होने की आशंका होती है। सूर्य पर्वत पर चौकड़ी हो तो सर्वत्र लाभ तथा सफलता की प्राप्ति होती है।