ऐसी हथेली वालों को मिलती हैं जीवन के हर पडाव पर सफलता

हिन्दू धर्म में हस्तरेखा का बड़ा महत्व माना गया हैं जिसकी मदद से हाथों की रेखाएं और बनावट देखकर व्यक्ति के जीवन की कई अनकही बातों के बारे में जाना जा सकता हैं। सामुद्रिक शास्‍त्र के मुताबिक़ हथेली की मदद से व्‍यक्ति के भविष्‍य और रुपये-पैसे को लेकर भी स्थिति का आंकलन किया जा सकता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी हथेली के बारे में जिन्हें जीवन के हर पडाव पर सफलता प्राप्त होती हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

वर्गाकार हाथ

ऐसे हाथों की उंगलियां लंबी और समकोण होती हैं। इनके नाखून छोटे और वर्गाकार होते हैं। इनकी हथेली लंबाई और चौड़ाई में बराबर होती है। सात्विक प्रकृति के लोगों और व्‍यापारियों का हाथ आम तौर पर ऐसा ही होता है। ऐसे लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। ऐसे लोग परिश्रमी होने के कारण काफी धन संचय कर पाते हैं। ऐसे लोग व्‍यापारिक दृष्टि से ही बात का मूल्‍य आंकते हैं। ऐसे लोग कुछ मामलों में हठी स्‍वभाव के भी होते हैं, लेकिन इस प्रकार के हठ से इनका लाभ होता है।

दार्शनिक हाथ

ऐसा हाथ लंबा, पतला और कुछ लचीला और कोमल होता है। ऐसा हाथ सामने की तरफ से नुकीला, लंबे नाखून वाला, पतली और गांठदार उंगलियों वाली और गठीले जोड़ वाला होता है। ऐसे लोगों को धन के मामले में काफी कम सफलता मिल पाती है। इस प्रकार के हाथ वाले व्‍यक्ति अधिक धैर्य वाले होते हैं। सामान्‍य तौर पर ऐसे हाथ महापुरुषों के होते हैं या फिर संतों के होते हैं। इन्‍हें भौतिकता को लेकर अधिक उत्‍साह नहीं होता।

कलात्‍मक हाथ

इस प्रकार का हाथ नुकीला, चौड़ा, गुलाबी और कुछ मुलायम होता है। इसमें उंगलियां पतली, लंबी सुडौल और समान जोड़ वाली होती हैं। इस प्रकार के हाथ में उंगलियां प्रारंभिक बिंदु पर पुष्‍ट होती हैं, लेकिन नाखून तक पहुंचते-पहुंचते नुकीली हो जाती हैं। ऐसे लोगों में गजब की इच्‍छा शक्ति होती है। ऐसे लोग कला के क्षेत्र में बहुत नाम कमाते हैं। आम तौर पर ऐसे हाथ संगीत, कला और विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े लोगों के होते हैं।

निम्‍न हाथ या फिर तामसिक हाथ

ऐसा हाथ बहुत ही छोटा और मोटा व बेडौल होता है। इस प्रकार के हाथ में रेखाएं बहुत ही कम, खुरदुरा, भारी और सख्‍त होता है। ऐसे हाथ में अंगुलियां भी असमान होती हैं और अंगूठा भी छोटा और मोटा होता है। सामुद्रिक शास्‍त्र के अनुसार माना जाता है कि ऐसे हाथ वाले लोग सफलता बहुत ही मुश्किल से प्राप्‍त करते हैं। ये स्‍वभाव से बहुत चालाक, अवसरवादी, असभ्‍य और नकलची होते हैं। कई बार ऐसे लोग सही राह से भटककर अपराधी भी बन जाते हैं।

कर्मठ हाथ

इस प्रकार का हाथ कुछ लंबा, सख्‍त और आगे की तरफ से कुछ हल्‍का होता है। इस हाथ में उंगलियां वर्गाकार या फिर चपटी होती हैं और पर्वत दबे होते हैं। ऐसा हाथ काफी फैला हुआ और चौड़ा होता है। इस प्रकार के हाथ वाले आत्‍मनिर्भर और गुणी होते हैं। ऐसे लोग कर्मठ होने के साथ ही सदैव नई चीजों को खोजने के बारे में सोचते हैं। इन्‍हें अपने जीवन में हर प्रकार के काम में सफलता प्राप्‍त होती है। ऐसे लोग आगे चलकर डॉक्‍टर, इंजीनियर, और बड़े अभिनेता बनते हैं।

आदर्श हाथ

ऐसा हाथ सुंदर मुलायम, पतला, लचीला, नुकीला, लंबे नाखून वाला होता है। इनकी बनावट काफी खूबसूरत होती है। इस प्रकार का हाथ आध्‍यात्मिक जगत से जुड़े लोगों का होता है। इस प्रकार के लोग सपनों की दुनिया में रहने वाले आदर्शवादी व्‍यक्ति होते हैं। ये व्‍यक्ति प्रत्‍येक वस्‍तु में सुंदरता देख लेते हैं। ये स्‍वभाव के नम्र और शांतिप्रिय होते हैं। ये जल्‍द किसी पर विश्‍वास नहीं करते, मगर सभी के साथ मृदु व्‍यवहार अपनाकर रहते हैं।

मिश्रित हाथ

इस प्रकार के हाथ में उंगलियों की बनावट मिश्रित प्रकार की होती है। इस हाथ की उंगलियां किसी एक प्रकार की नहीं होती हैं। इनमें शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के गुण विद्यमान होते हैं। ऐसे हाथ वाले जातक दयालु भी होते हैं और कई बार क्रोधी भी होते हैं। ऐसे हाथ वाले चतुर तो होते हैं, लेकिन अपनी बुद्धि का प्रयोग सही जगह पर नहीं करते हैं।