भविष्य पुराण के अनुसार महाभारत युद्ध के अंत में आधी रात के समय अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य ये तीनों पांडवों के शिविर के पास गए और उन्होंने मन ही मन भगवान शिव की आराधना की। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पांडवों के शिविर में प्रवेश करने की आज्ञा दे दी। भगवान शिव से आज्ञा मिलते ही अश्वत्थामा पांडवों के शिविर में दाखिल हो गए और पांडवों के सभी पुत्रों का वध करके वहां से निकल गए।
जब पांडवों को इस पूरे घटनाक्रम के बारे में पता चला तो उन्होंने इसके लिए भगवान शिव को जिम्मेदार मानते हुए उनसे युद्ध करने के लिए पहुंच गए। लेकिन जैसे ही सभी पांडव भगवान शिव से युद्ध करने के लिए उनके सामने पहुंचे तो उनके सभी अस्त्र-शस्त्र शिवजी में समा गए। इसके बाद भगवान शिव ने पांडवों से कहा कि तुम सभी भगवान श्रीकृष्ण के उपासक हो इसलिए इस जन्म में तुम्हें इस अपराध का फल नहीं मिलेगा, लेकिन इसका फल तुम्हें कलयुग में फिर से जन्म लेकर भोगना पड़ेगा। भगवान शिव की इस बात को सुनकर सभी पांडव दुखी हो गए और फिर वो सभी भगवान श्रीकृष्ण के पास पहुंचे। उन्होंने श्रीकृष्ण से अपनी सारी व्यथा बताई तब श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया कि कौन सा पांडव कलयुग में कहां और किसके घर जन्म लेगा।
श्रीकृष्ण ने बताया कौन सा पांडव कहां और किस रुप में लेगा कलयुग में जन्म?
# भविष्य पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलयुग में अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के राजा के यहां होगा और वो ब्रह्मानन्द नाम से विख्यात होंगे।
# श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलयुग में युधिष्ठिर वत्सराज नाम के राजा के पुत्र बनेंगे और कलियुग मे उनका नाम मलखान रखा जाएगा।
# भगवान श्रीकृष्ण ने भीम से कहा था कि उनका जन्म कलयुग में वीरण के नाम से होगा और वो वनरस नाम के राज्य के राजा बनेंगे।
# श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलयुग में नकुल कान्यकुब्ज के राजा रत्नभानु के यहां पर जन्म लेंगे और उन्हें लक्षण के नाम से जाना जाएगा।
# भविष्य पुराण के अनुसार कलयुग में सहदेव भीमसिंह नामक राजा के घर में जन्म लेंगे और उनका नाम होगा देवसिंह।
# श्रीकृष्ण ने बताया था कि कलयुग में धृतराष्ट्र का जन्म अजमेर में पृथ्वीराज के रूप में होगा और द्रौपदी उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी और उनका नाम होगा वेला।
# भविष्य पुराण के अनुसार कलयुग में महादानी कर्ण का जन्म तारक नाम के राजा के रूप में होगा।