शरीर के अंगों का फड़कना देता है विशेष संकेत, जानें इसके बारे में

आपने कई बार लोगों को कहते हुए सुना होगा कि उनकी आंख फड़क रही हैं तो कुछ शुभ या अशुभ होने वाला हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ आंख ही नहीं बल्कि शरीर के हर अंग के फड़कने का एक विशेष अर्थ होता हैं। शकुन शास्त्र में इससे जुड़ी जानकारी बताई गई हैं कि शरीर के अंगों के फड़कने के संकेत क्या होते हैं। आज हम आपको उन्हीं संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं कि कौनसा अंग क्या संकेत देता है। तो आइये जानते है इसके बारे में।

- नेत्र का फड़कना धन लाभ दिलाता है।
- यदि दाईं आंख फड़कती है तो सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं
- नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुंचाता है।

- उदर का फड़कना कोषवृद्धि होती है।
- मस्तक फड़के तो भू-लाभ मिलता है।
- ललाट का फड़कना स्नान लाभ दिलाता है।
- कण्ठ के फड़कने से ऐश्वर्यलाभ होता है।
- नेत्रकोण फड़के तो आर्थिक उन्नति होती है।
- किसी व्यक्ति के माथे पर अगर हलचल होती है तो भौतिक सुख
- कनपटी के पास फड़कन पर धन लाभ होता है।
- आंखों के पास फड़कन हो तो प्रिय का मिलन होता है।
- होंठ फड़क रहे हैं तो जीवन में नया दोस्त आने वाला है।
- बाईं आंख में हलचल रहती है तो अच्छी खबर मिल सकती है।

- अगर दाईं आंख बहुत देर या दिनों तक फड़कती है तो यह लंबी बीमारी।
- यदि कंधे फड़के तो भोग-विलास में वृद्धि होती है।
- गुदा का फड़कना वाहन सुख देता है।
- दोनों भौंहों के मध्य फड़कन सुख देने वाली होती है।|
- कपोल फड़के तो शुभ कार्य होते हैं।
- हाथों का फड़कना उत्तम कार्य से धन मिलने का सूचक है।
- वक्षःस्थल का फड़कना विजय दिलाने वाला होता है।|
- हृदय फड़के तो इष्टसिद्धी दिलाती है।
- मुख के फड़कने से मित्र लाभ होता है।
- होठों का फड़कना प्रिय वस्तु की प्राप्ति का संकेत देता है।