इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति रविवार को मनाई जाएगी। इससे पहले 2001 में रविवार को मंक्रांति आई थी। रविवार का कारक ग्रह सूर्य है और संक्रांति भी सूर्य देव का ही पर्व है। इस कारण 2018 की मकर संक्रांति का महत्व और अधिक बढ़ गया है। सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होगा। पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।
मकर संक्रांति पर इस बार सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है, जो कि सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास है। ज्योतिष विद्या में यह मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ होता है वह उच्चपद प्राप्त करता है। साथ ही सूर्य के प्रभाव से उसकी ख्याति और प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है। सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामी ग्रह भी माना गया है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जो कि अत्यंत शुभ फलदायक साबित होते हैं।शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। रविवार के दिन गेहूं और गुड़ गाय को खिलाने या किसी ब्राहमण को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही कुण्डली का सूर्य मजबूत होता है।
सूर्य देव का प्रिय पुष्प विष्णु पुराण के अनुसार रविवार के दिन सूर्य देव को
आक का एक फूल श्रद्धा पूर्वक अर्पित करने से मनुष्य को 20 अशर्फियाँ मिलने जैसा फल मिलता है। इतना ही नहीं इस फूल को चढ़ाने से व्याक्ति करोड़पति भी बन जाता है। भगवान सूर्य खुश करने के लिए रात के समय कदम्ब और मुकुर के फूल अर्पित करना श्रेयस्कर माना जाता है।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए
बेला का फूल ही एक ऐसा फूल है जिसे दिन या रात किसी वक्त चढ़ा सकते हैं। इसके अलावे कुछ फूल ऐसे भी हैं, जिसे सूर्य देव को कदापि नहीं चढ़ाना चाहिए। ये पुष्प हैं
गुंजा, धतूरा, अपराजिता और तगर आदि।