नाग पंचमी 2020 : शिव गायत्री मंत्र पूजन दिलाएगा कालसर्प योग से छुटकारा

25 जुलाई का दिन सावन के इस महीने का एक महत्वपूर्ण दिन हैं क्योंकि इस दिन नागपंचमी का पर्व आना हैं। हर साल सावन शुक्ल पंचमी को यह पर्व मनाया जाता हैं और शिव के गले में विराजमान नागदेवता का पूजन किया जाता हैं। यह पूजन कुंडली में उपस्थित कालसर्प योग को दूर करता हैं। इसी के साथ ही इस दिन शिव गायत्री मंत्र से किया गया पूजन कालसर्प योग से छुटकारा दिलाते हुए चिंताओं से मुक्ति दिलाता है। सामान्य जातक भी यह शिव गायत्री मंत्र अपने कल्याण के लिए जप सकता है।

नागपंचमी के दिन किसी भी शिव मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ा कर आएं। जोड़ा चांदी का, स्वर्ण का, पंचधातु का, तांबे का या अष्ट धातु का हो। नागपंचमी के दिन ही शिव मंदिर में 1 माला शिव गायत्री का जाप (यथाशक्ति) करें एवं नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं तो पूर्ण लाभ मिलेगा।

शिव गायत्री मंत्र :

'ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे, महादेवाय धीमहि तन्नोरुद्र: प्रचोदयात्ॐ
अनन्तेशाय विद्महे महाभुजांगाय धीमहि तन्नो नाथः प्रचोदयात्ॐ
नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात्

आम दिनों में भी कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय किए जा सकते हैं। विशेषकर सोमवार को शिव मंदिर में जो जातक यह मंत्र चंदन की अगरबत्ती लगाकर एवं दीपक (तेल या घी) लगाकर जाप करता है, तो उसे अवश्य ही श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है।