श्रवण मास में शिव पूजा करना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से आनंदित रहने का एक प्रमुख तरीका है। शिव पूजा को सही तरीके से और विधि विधान से करने से श्रवण मास के विशेष अवसर पर भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। निम्नलिखित चरणों का पालन करके आप श्रवण मास में शिव पूजा कर सकते हैं:
# स्नान करें: शिव पूजा करने से पहले सबसे पहले स्नान करें। स्नान करने से शुद्धता का आनंद मिलता है और आप भगवान के समीप अधिक समर्थ होते हैं।
# पूजा स्थल तैयार करें: शिव पूजा के लिए एक विशेष पूजा स्थल तैयार करें। इसमें शिवलिंग, पूजा सामग्री और धूप, दीप, गंध, फूल आदि शामिल हो सकते हैं।
# पूजा सामग्री व्यवस्थित करें: शिव पूजा के लिए विशेष पूजा सामग्री जैसे कि बिल्व पत्र, धात्री पत्र, दूर्वा, धूप, दीप, गंध, फूल, पान, सुपारी, फल, दूध, शहद, घी, गुड़, एला आदि व्यवस्थित करें।
# शिवलिंग पर स्नान कराएं: शिवलिंग को पानी से स्नान कराएं और उसे पानी, दूध, दही, घी, शहद आदि से स्नान करें।
# शिवलिंग को चंदन और कुमकुम से सजाएं: शिवलिंग को चंदन और कुमकुम से सजाकर उसे फूलों से चढ़ाएं।
# मंत्र जप करें: शिव पूजा के समय भगवान शिव के नामों का मंत्र जप करें और उन्हें अर्पित करें।
# आरती करें: शिव पूजा के अंत में आरती करें और भगवान शिव की आराधना करें।
# व्रत और पूजा का पालन करें: श्रवण मास के महीने में शिव पूजा के दिन व्रत रखने और सत्विक आहार खाने का पालन करें।
श्रवण मास में शिव पूजा करने से शिव भक्ति में वृद्धि होती है और आपके जीवन में शांति और समृद्धि आती है। पूर्णिमा तक रोज शिव पूजा करने से इच्छाएं सिद्ध हो सकती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। ध्यान रहे कि भगवान की पूजा करते समय श्रद्धा और भक्ति के साथ विधि विधान का पालन करना चाहिए।