शरद पूर्णिमा पर किए गए ये उपाय करेंगे मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न, जानें और आजमाए

आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता हैं जो कि इस बार 9 अक्‍टूबर, रविवार को है। दीपावली से ठीक 15 दिन पहले हर साल मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए शरद पूर्णिमा आती है। इसे कौमुदी यानि मूनलाइट या कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। मान्यता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी का समुद्र से आविर्भाव हुआ था। इसलिए यह दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का दिन माना जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे ज्योतिष उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें शरद पूर्णिमा पर करने से मां लक्ष्‍मी को प्रसन्न करते हुए सुख-समृद्धि का आशीर्वाद पाया जा सकता हैं।

मां लक्ष्‍मी को खीर का भोग


ऐसी मान्‍यता है कि मां लक्ष्‍मी धरती पर विचरण के वक्‍त यह भी देखती हैं कौन-कौन जागकर उनकी पूजा कर रहा है। इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस रात को लक्ष्‍मी पूजन करने कर्ज से मुक्ति प्राप्‍त होती है। इस रात को खीर बनाने के बाद मां लक्ष्‍मी का भोग लगाएं और श्री सूक्त का पाठ, कनकधारा स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम का जाप और भगवान कृष्ण का मधुराष्टकं का पाठ करें। ऐसा करने से जल्‍द ही आप कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं।

हल्दी का उपाय

शरद पूर्णिमा की रात्रि को आप स्नान करके विधिवत पूजन करें उसके बाद हल्दी और तुलसी का एक छोटा सा उपाय करने से आपके लिए धन के द्वार बहुत जल्दी ही खुल जाएंगे। इस उपाय को करने के लिए तांबे या पीतल के कलश में जल लें और जल के लोटे में एक चुटकी हल्दी मिलाएं। यदि आप इसके लिए ऐसी हल्दी का इस्तेमाल करेंगी जिसका पूजा में प्रयोग करती हैं, तो ज्यादा लाभ होगा। जल से भरे लोटे में तुलसी दल जिसमें 7 पत्ते मौजूद हों डालें और चंद्रमा की पूजा करते हुए अर्घ्य दें। ये उपाय आपके घर में हमेशा धन लाभ दिलाएंगे।

सफेद कौ‍ड़ियों का उपाय


मान्‍यता है कि समुद्र मंथन से उत्‍पन्‍न हुई सफेद कौ‍ड़ियां मां लक्ष्‍मी को बेहद प्रिय मानी जाती हैं। जिस दिन शरद पूर्णिमा हो उस दिन शाम को मां लक्ष्‍मी की पूजा में लाल कपड़े में बांधकर 5 सफेद कौ‍ड़ियां रखें और पूजा के बाद इन कौ‍ड़ियों को अपने धन के स्‍थान में रख दें। मां लक्ष्‍मी की कृपा आपके घर पर सदैव बनी रहेगी।

पान का उपाय


मां लक्ष्‍मी को पान भी बेहद प्रिय माना गया है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्‍मी को पूजा में पान जरूर अर्पित करना चाहिए और खुद भी पान का सेवन करना चाहिए। शास्‍त्रों में पान को समृद्धि का प्रतीक माना गया है। मां लक्ष्‍मी को पान चढ़ाकर उसे प्रसाद स्‍वरूप घर के सभी सदस्‍यों में बांट दें।

तुलसी पूजन

मान्‍यताओं के अनुसार, तुलसी को भी मां लक्ष्‍मी का ही रूप माना गया है और शरद पूर्णिमा पर तुलसी की पूजा करना बहुत शुभ होता है। जिस घर में तुलसी की नित्‍य पूजा होती है उस घर के लोगों से मां लक्ष्‍मी सदैव प्रसन्‍न होती हैं। शरद पूर्णिमा के दिन तुलसी के पेड़ पर घी का दीपक जलाकर रखें और सुहाग की वस्‍तुएं भी अर्पित करें। अगले दिन ये वस्‍तुएं किसी जरूरतमंद सुहागिन महिला को दान कर दें। ऐसा करने से आपके पति दीर्घायु होंगे और मां लक्ष्‍मी की कृपा आपके घर पर बनी रहेगी।

मां महालक्ष्मी का श्रृंगार


शरद पूर्णिमा के दिन सूर्यास्त के बाद मां महालक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही उन्हें लाल-पीले पुष्प चढ़ाएं और भोग लगाएं। साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। कमलगट्टे या स्फटिक माले से “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ।।” का जाप करें।

घी का चौमुखी दीपक


अपार धन प्राप्ति के लिए शरद पूर्णिमा पर विधि विधान से मां लक्ष्‍मी की पूजा करनी चाहिए। रात में मां लक्ष्‍मी के समक्ष घी का चौमुखी दीपक जलाएं। गुलाब के फूलों की माला चढ़ाएं और उसके बाद मां लक्ष्‍मी को सफेद दूध की बर्फी और इत्र अर्पित करें। इसके बाद पूजा कनकधारा स्‍त्रोत का पाठ करें।