आज शनिवार के दिन अमावस्या पड़ रही हैं जिसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। शनिश्चरी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता हैं और यह तो साल की अंतिम शनिश्चरी अमावस्या हैं जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता हैं। आज के दिन कुछ उपायों को कर शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता हैं। शनि जिस पर प्रसन्न होते हैं यानी जिसका शनि ग्रह मजबूत स्थिति में होता है, वह तो रंक से राजा बन सकता है। शनि खराब हो तो राजा भी रंक हो जाता है। कहते हैं कि शनिदेव के कारण ही राम को वनवास जाना पड़ा, रावण को राम के हाथों मरना पड़ा, पांडवों को राज्य से भटकना पड़ा आदि। आज इस कड़ी में हम आपको शनि के अशुभ होने के संकेत और इन्हें दूर करने के उपाय बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
शनि के अशुभ होने की निशानीशनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। नखून कमजोर हो जाते हैं। घर में अचानक आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह से नाश होता है। समयपूर्व दांत और आंख की कमजोरी हो जाती है।
गरीब या ब्राह्मण को खिलाएं खीर इस दिन खीर बनाकर किसी गरीब या ब्राह्मण को खिलाएं। ऐसे करने से शनि का अशुभ प्रभाव कम होगा। अगर आप खीर नहीं बना सकते तो आप उड़द दाल की खिचड़ी बनाकर किसी गरीब या ब्राह्मण को खिला सकते हैं।
पीपल पर मीठा जल अर्पित करें शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं तो शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक व धूप अगरबत्ती अर्पित करने के साथ वहीं बैठकर क्रमशः हनुमान, भैरव व शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल की सात परिक्रमा करें।
जरूरतमंद को दें तेल अगर किसी व्यक्ति पर शनि की अंतर्दशा, महादशा, ढैय्या और साढ़ेसाती चल रही है तो उस व्यक्ति को शनिश्चरी अमावस्या के दिन सरसों का तेल एक लोहे के बर्तन में रखें और उस बर्तन में अपना चेहरा देखें। इसके बाद इस तेल को किसी जरूरतमंद को दे दें। ऐसा करने से शनि के प्रतिकूल प्रभाव कम होते है।
काले कुत्ते को खिलाएं रोटी शनि के प्रकोप को कम करने के लिए कुछ और सरल उपाय भी है। जैसे आप एक रोटी पर सरसों का तेल लगाकर इसे किसी काले कुत्ते को खिलाएं। शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ऐसे में अगर आप शनिश्चिरी अमावस्या पर ऐसा करते हैं तो आपको अधिक लाभ मिलेगा।
काले घोड़े को खिलाए लड्डू शनि ढैया शमन के लिए शुक्रवार रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रातः उन्हें पीसकर एवं गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार इस प्रक्रिया को करें।
शनि स्तोत्र का पाठशनि के प्रभाव को कम करने के लिए वैसे तो शनि स्तोत्र का पाठ आप हर शनिवार को कर सकते हैं। लेकिन, शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि स्तोत्र का 11 बार पाठ करने से शनि दोष दूर होता है।
दान का महत्व शनि को प्रबल करने के लिए आप कंबल, जूता, चप्पल, लोहा, काले कपड़े और नारियल जटा वाला दान कर सकते हैं। शनिवार को सरसों तेल, भैंस और काली गाय का दान भी उपयोगी होता है।
पीपल वृक्ष पर लपेटें सूत प्रत्येक शनिवार को पीपल वृक्ष के चारों ओर 7 बार कच्चा सूत लपेटें और यह क्रिया करते समय शनि के किसी भी मंत्र का जप करते रहें। इसके बाद वृक्ष का पूजन करें। और हां जरूरी बात इस दिन भोजन में नमक का प्रयोग न करें।
नीलम धारण करें शनि के प्रभाव को कम करने के लिए अगर आप नीली या नीलम धारण करने का सोच रहे हैं तो शनिश्चरी अमावस्या का दिन बहुत अच्छा है। शनिश्चरी अमावस्या पर इन रत्नों को धारण करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है। इससे शनि का प्रतिकूल प्रभाव जल्दी दूर होता है और जीवन में सुख एवं लाभ का आगमन तेजी से होता है।