Sawan 2022 : कुंडली में कालसर्प दोष लाता हैं जीवन भर की परेशानियां, दूर करने के लिए करें उपाय

व्यक्ति की कुंडली में स्थित कालसर्प दोष को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ योग माना जाता है। कुण्डली में राहु और केतु के बीच जब सभी ग्रह आ जाते हैं तब यह योग बनता है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें जिंदगी भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे व्यक्तियों को अक्सर सपने में सांप नजर आते हैं। इस दोष का निवारण करने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है जो कि 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कालसर्प दोष के लक्षण, दूर करने के उपाय और पूजन करने की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं...

काल सर्प दोष के लक्षण


अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष है तो उसका पता बहुत आसानी से लगाया जा सकता है। काल सर्प दोष होने पर व्यक्ति को शिक्षा का बाधा, जॉब में समस्या, बिजनेस में बहुत मेहनत करने के बाद भी हानि होने लगती है। इसके अलावा व्यक्ति गलत संगत में शामिल होने लगता है। मन में हमेशा नकारात्मक विचार आना, खुद को असफल समझना, आत्महत्या करने का विचार आना, दांपत्य जीवन में कलह और तनाव का रहना, संतान उत्पत्ति में बाधा इसके अलावा प्रेम संबंधों में बाधा और परेशानी का आना कालसर्प दोष के लक्षण है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति का वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त रहता है और खराब स्वास्थ्य भी लगातार परेशान करता है। सपने में बार-बार नाग-नागिन या सर्प दिखना भी कालसर्प योग का लक्षण है।

काल सर्प दोष के उपाय

- यह योग जिनकी कुण्डली में मौजूद है उन्हें सावन के महीने में भगवान शिव का नियमित जलाभिषेक करना चाहिए। सावन मास शिव का मास है और शिव नागों के देवता हैं। इसलिए सावन मास इस योग के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए उत्तम है। शिव के प्रसन्न होने से इस दोष का कुप्रभाव कम हो जाता है।

- सावन महीने में ही नागपंचमी का त्योहार आता है। इसदिन तांबे का नाग बनवाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से कालसर्प दोष की शांति होती है।

- प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा के बाद महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से भी इस योग का दोष दूर होता है।

- इस दिन सोमवार के दिन भगवान शिव को नाग नागिन का जोड़ा अर्पित करना चाहिए। चांदी या पंच धातु का नाग नागिन जोड़ा भेट करें।

- कुत्ते की सेवा करना, कुत्ता पालना, कुत्ते को दूध रोटी खिलाना बहुत अच्छा उपाय माना गया है।

- सोमवार के दिन रूद्राभिषेक कराएं हालांकि, सावन में किसी भी दिन आप रुद्राभिषेक करवा सकते हैं ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा।

- मिट्टी के सवा लाख महादेव बनाकर के उनकी पूजा करनी चाहिए इसके साथ उनका 1100 बार महामृत्युंजय मंत्र के साथ हवन करें।

- अगर आप मिट्टी के महादेव बनाकर पूजा करने में सक्षम नहीं है तो सवा लाख महामृत्युंजय का जप कराएं ये भी आपके लिए लाभदायक रहेगा।

- 18 जुलाई को सावन के पहले सोमवार पर नागपंचमी है। इस दिन नाग देवता की पूजा से विशेष लाभ मिलेगा। इस दिन नाग को दूध और धान का लावा जिसे खिल भी कहा जाता है नाग देवता को अर्पित करें इससे भी काल सर्प दोष का प्रभाव कम हो जाएगा। सर्प मंत्र का जाप करते हुए ऐसा करना है।
मंत्र : ॐ नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्

- उपाय के तौर पर सावन के सभी सोमवार के दिन पंचामृत, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें और भगवान शिव को 108 बेल के पत्ते अर्पित करें। इस उपाय से भी काल सर्प दोष का प्रभाव कम होगा।

- जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष होता है तभी उनके जीवन में राहु अथवा केतु की महादशा आती है। कुष्ठ रोगियों, असहाय लोगों, श्रमिक वर्ग की सेवा करना राहु संबंधी दोषों को शांत करते हैं।

- पूरे सावन राहु और केतु के मंत्र का नियमित जप भी फायदेमंद रहेगा। आप इन दोनों में से किसी भी एक मंत्र का जप कर सकते हैं।
राहु का बीज मंत्र - ॐ रां राहवे नमः सवा लाख बार इस मंत्र का जप करें
केतु का बीज मंत्र - ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः सवा लाख बार इस मंत्र का जप करें

ऐसे करें घर पर ही कालसर्प दोष की पूजा

- कालसर्प दोष से पीड़ित जातक प्रत्येक सोमवार को ब्राह्म मुहूर्त में 4 बजे सादे जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर धुले हुए सफेद रंग के कपड़े पहने।

- पवित्र होकर घर में अगर शिवलिंग हो तो या नहीं हैं तो मिट्टी की छोटी सी शिवलिंग बनाकर, इस मंत्र से स्थापना, आवाहन करें।

- शिवलिंग स्थापना मंत्र
ऊँ मनोजूतिर्जुषतामाज्यस्य, बृहस्पतिर्यज्ञमिमं तनोत्वरिष्टं, यज्ञ ग्वगं समिमं दधातु। विश्वेदासइह मादयन्तामोम्प्रतिष्ठ। ऊँ भूर्भुवः भगवते शाम्भ सदाशिवाय आवाहयामि स्थापयामि। ततो नमस्कारं करोमि।

- अब शिवलिंग पर 11 साबुत चावल के दाने 'श्री राम' नाम का उच्चारण करते हुए अर्पित करें।

- चावल अर्पित करते समय मन ही मन अपनी विशेष इच्छा, कामना का स्मरण करें।

- ऐसा लगातार 11 सोमवार तक करने से अवश्य ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी। ध्यान रखे कि पूजा का समय एक ही होना चाहिए, बार बार समय नहीं बदलना हैं।

- 11 सोमवार तक एक ही समय एक ही स्थान पर किसी प्राचीन शिवलिंग के ऊपर एक मुट्ठी साबुत गेंहू, एक गीला नारियल व एक सिक्का ये सब सामग्री श्री राम' नाम मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्पण करें।

- जो सिक्का प्रथम सोमवार को लिया है वही संख्या वाला सिक्का हर बार लेना है, अगर पहले सोमवार को 1 रूपये का सिक्का लिया था तो हर सोमवार को भी 1 रूपये का ही लेना हैं, 2 या 5 का नहीं लेवें।

- शिवलिंग पर सबसे पहले गेंहू को अर्पण करें, फिर नारियल एवं उस पर सिक्का रखकर अर्पण करें। इस पूरी क्रिया के दौरान श्री राम नाम का जप निरंतर करते रहें। यह 11 सोमवार तक करें।