सावन का महीना शिवभक्ति के लिए जाना जाता हैं जो कि 12 अगस्त तक जारी रहने वाला हैं। इस महीने में सभी शिव की कृपा पाने के लिए आस्था दिखाते हुए पूजन करते हैं। सभी इन दिनों में मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक, पूजा-पाठ और आराधना करते हैं ताकि विशेष फल की प्राप्ति हो सकें। लेकिन इस दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखना जरूरी हैं। जी हां, शास्त्रों में सावन के महीने को लेकर कुछ नियमों के बारे में बताया गया है जिनका ध्यान रखा जाए तो आपके लिए फलदायी साबित होता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सावन के दौरान आपको कौनसे काम करने चाहिए और कौनसे नहीं। आइये जानें...
सावन में करें ये काम - सावन के महीने में हर सोमवार को व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभदायक है और धार्मिक दृष्टि से भी इसका काफी महत्व है। पूरे महीने के हर सोमवार को व्रत रखें।
- सावन के पूरे महीने में रोजाना शिवजी के मंदिर जाकर पूजा करनी चाहिए।
- व्रत रखने वाले लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।
- भगवान शिव की पूजा करते वक्त या फिर जलाभिषेक करते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करने के साथ ही दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का पंचामृत बनाकर अभिषेक करें।
- हिंदू धर्म में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। अगर आप भी इसे पहनने के बारे में सोच रहे हैं तो इसके लिए सावन का महीना सबसे अच्छा होता है।
- प्रत्येक सोमवार को सावन सोमवार व्रत कथा सुनें। इस कथा को भगवान शिव के पूरे वृतांत माना गया है।
सावन में ना करें ये काम- सावन के महीने में जहां तक संभव हो दूध का सेवन न करें। साथ ही शिव की कृपा पाने के लिए पूरे महीने सात्विक भोजन करें।
- इस माह में मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन बंद कर देना चाहिए। सावन के महीने में इन सबके सेवन को पाप माना जाता है।
- हमेशा ध्यान रखें कि जब भी भगवान शिव की पूजा करें तो शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं। हल्दी जलाधारी पर चढ़ानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी स्त्री से संबंधित वस्तु है। शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है और ये शिवजी का प्रतीक है। इस कारण शिवलिंग पर नहीं, बल्कि जलाधारी पर हल्दी चढ़ानी चाहिए। जलाधारी स्त्री तत्व से संबंधित है और ये माता पार्वती की प्रतीक है।
- धर्म शास्त्र में बताया गया है कि सावन में हरी सब्जी नहीं खाना चाहिए। इससे विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। स्वास्थ दृष्टि से देखा जाए तोसाग में पित्त बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। यही कारण है कि सावन में साग खाना वर्जित माना गया है।
- कहा जाता है कि सावन के महीने में सुबह के समय शिव का ध्यान करने से शिव जी प्रसन्न हो जाते है। साथ ही इस माह में जरूरत के हिसाब से ही सोएं।
- सावन के महीने में ध्यान रखें कि किसी बड़े- बुजुर्ग व्यक्ति, गुरु, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता का अपमान न करें। महादेव ऐसे लोगों से बिल्कुल भी खुश नहीं होते है जो बड़े लोगों का अपमान करते हैं।
- सावन के महीने में घर या बाहर किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचें और किसी का भूल से भी अपमान करें।
- व्रत रखकर दिन के समय सोना नहीं चाहिए क्योंकि यह भगवान शिव का अपमान माना जाता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप दिन के समय ना सोएं और सुबह-शाम भगवान की अराधना करें।
- व्रत रखकर महिलाओं को बाल व नाखून नहीं काटने चाहिए। साथ ही पुरुष भी दाढ़ी ना बनाएं। यह अशुभ माना जाता है और इससे घर में दरिद्रता आती है।
- व्रत रखने वालों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। साथ ही चमड़े से बनी चीजें जैसे चप्पल, बेल्ट व बैग आदि का भी यूज ना करें।
- भगवान शिव को पर्यावरण बेहद प्रिय था इसलिए इस दौरान पेड़ों को काटने चाहिए। वैसे सिर्फ सावन ही नहीं बल्कि कभी भी पेड़ों को नहीं काटना चाहिए।