Sawan 2025: भोलेनाथ को चढ़ाएं ये 10 चीजें, सच्चे मन से मांगिए वरदान – शिव जरूर सुनेंगे आपकी पुकार

सावन का महीना एक बार फिर शिवभक्तों के लिए ढेरों श्रद्धा और भक्ति का अवसर लेकर आ रहा है। आज से सावन की शुरुआत हो रही है और पूरे भारत में भोलेनाथ के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा है। यह महीना उन लोगों के लिए बेहद खास होता है जो सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करते हैं और उनसे जीवन में सुख, शांति और उन्नति की कामना करते हैं।

इस बार सावन 11 जुलाई से शुरू हो रहा है और पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है, जो कि शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। वेद, पुराण और उपनिषदों में भी सावन और शिवभक्ति का महत्व गहराई से बताया गया है।

शिव की सरल भक्ति, सच्चे मन की शक्ति

भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। वे सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देव हैं। शिव औघड़ दानी हैं – उन्हें दिखावे या भव्यता की जरूरत नहीं होती, बल्कि सच्चे भाव से अर्पित की गई छोटी-छोटी चीजें भी उन्हें अत्यंत प्रिय होती हैं। यही कारण है कि सावन में भक्त अलग-अलग चीजें अर्पित कर शिव की कृपा पाने की कोशिश करते हैं।

अगर आप भी इस सावन में शिवलिंग पर श्रद्धा और प्रेम से कुछ अर्पित करना चाहते हैं, तो यहां हम आपको उन 10 महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें भोलेनाथ को चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली 10 चीजें और उनका भावार्थ

जल – शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मन की अशांति दूर होती है। यह हमारे स्वभाव को शांत और सौम्य बनाता है।

दूध – दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। यह शरीर को शुद्धता और शक्ति देता है।

दही – दही से स्नान कराने पर स्वभाव में गंभीरता और स्थिरता आती है। यह जीवन में संतुलन लाता है।

शक्कर – शक्कर चढ़ाने से परिवार में मिठास और समृद्धि बढ़ती है।

शहद – शहद अर्पित करने से वाणी में मधुरता आती है, जिससे सामाजिक संबंध बेहतर होते हैं।

घी – घी चढ़ाने से आत्मबल और साहस में वृद्धि होती है, जिससे निर्णय क्षमता मजबूत होती है।

इत्र – इत्र अर्पित करने से विचारों में पवित्रता और शुद्धता आती है।

चंदन – चंदन का लेप मान-सम्मान और समाज में प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।

भांग – शिव को प्रिय भांग चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा, विकार और आंतरिक अशुद्धियां दूर होती हैं।

केसर – केसर चढ़ाने से जीवन में सौम्यता, शांति और आत्मिक आनंद का अनुभव होता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।