समस्त पितरों का श्राद्ध करने का पावन दिन है सर्वपितृ अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त

भाद्रपद पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले श्राद्ध पक्ष का आज अंतिम दिन हैं जिसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। इस दिन समस्त पितरों को श्राद्ध करने के लिए भी जाना जाता हैं, अगर किसी कारणवश आप पूर्व तिथियों पर श्राद्ध ना कर पाए तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं। अपने परिजनों की आत्मा की शान्ति के लिए श्राद्ध के दिन स्नान, दान, तर्पण आदि किया जाता है। इसलिए इसे पूरा विधिपूर्वक और आस्था के साथ किया जाना चाहिए। आज हम आपको सर्वपितृ अमावस्या पर किस तरह श्राद्ध करना चाहिए और इसे शुभ मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

* क्या करें इस दिन :

- सर्वपितृ अमावस्या को प्रात: स्नानादि के पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए।
- इसके पश्चात घर में श्राद्ध के लिए बनाए गए भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देव एवं चीटिंयों के लिए भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिए।
- इसके पश्चात श्रद्धापूर्वक पितरों से मंगल की कामना करनी चाहिए।
- ब्राह्मण या किसी गरीब जरूरतमंद को भोजन करवाना चाहिए व सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा भी देनी चाहिए।
- संध्या के समय अपनी क्षमता अनुसार दो, पांच अथवा सोलह दीप प्रज्जवलित करने चाहिए।
- पीपल में पितरों का वास माना जाता है। इसलिए सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या में पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। इस अमावस्या पर नदी या किसी जलाशय पर जाकर काले तिल के साथ पितरों को जल अर्पित करें इससे घर में हमेशा पितरों का आशीर्वाद बना रहता है और घर में खुशहाली और शांति आती है।

* सर्वपितृ अमावस्या तिथि व श्राद्ध कर्म मुहूर्त :

- सर्वपितृ अमावस्या तिथि : 8 अक्टूबर 2018, सोमवार
- कुतुप मुहूर्त : 11:45 से 12:31
- रोहिण मुहूर्त : 12:31 से 13:17
- अपराह्न काल : 13:17 से 15:36
- अमावस्या तिथि आरंभ : 11:31 बजे (8 अक्टूबर 2018)
- अमावस्या तिथि समाप्त : 09:16 बजे (9 अक्टूबर 2018)