भगवान गणेश जी को समर्पित हैं संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जानें मुहूर्त और पूजन विधि

जून 08, 2020 को शाम 07:56 बजे से चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होने जा रही हैं जो कि संकष्टी चतुर्थी के रूप में जानी जाती हैं। आषाढ़ माह की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिंगला चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश जी को समर्पित होता हैं। आज के दिन किए गए व्रत से विघ्नहर्ता श्रीगणेश आपके जीवन में आ रही सभी विपदाओं का अंत करते हैं। इसी के साथ ही चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन भी बहुत शुभ माना जाता है। चन्द्र दर्शन के बाद ही इस व्रत की पूर्ती मानी जाती है। इस बार संकष्टी के दिन चन्द्रोदय रात्रि 09:54 बजे माना जा रहा हैं। तो आइये जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजन विधि के बारे में।

- संकष्टी चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठें और स्नान करें।
- इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए।
- पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।
- स्वच्छ आसन या चौकी पर भगवान को विराजित करें।
- भगवान की प्रतिमा या चित्र के आगे धूप-दीप प्रज्जवलित करें।

- ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः का जाप करें।
- पूजा के बाद भगवान को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।
- शाम को व्रत कथा पढ़कर चांद देखकर अपना व्रत खोलें।
- अपना व्रत पूरा करने के बाद दान करें।