उत्पन्ना एकादशी 2019: जानें इस व्रत के पूर्ण नियम, पाए हजारों यज्ञों का फायदा

आज मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी हैं जिसका बहुत बड़ा महत्व माना जाता हैं। आज ही के दिन भगवान विष्णु के शरीर से माता एकादशी कि उत्पत्ति हुई थी। आज के दिन व्रत रखने से 100 एकादशी व्रत, हजारों यज्ञों का फायदा मिलता हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती हैं। जो भिन्न-भिन्न धर्म-कर्म से पुण्य प्राप्त होता है, उन सबसे कई गुना अधिक पुण्य इस एकादशी का व्रत निष्ठापूर्वक करने से प्राप्त होता है। इसलिए आज हम आपके लिए उत्पन्ना एकादशी के पूर्ण नियमों की जानकारी लेकर आए हैं ताकि आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सकें। तो आइये जानते हैं उत्पन्ना एकादशी व्रत के नियमों के बारे में।

- दशमी के दिन सिर्फ दिन के वक्त सात्विक आहार करना चाहिए।

- संध्याकाल में दातुन करके पवित्र होना चाहिए।

- रात्रि के समय भोजन नहीं करना चाहिए।

- भगवान के स्वरूप का स्मरण करते हुए सोना चाहिए।

- सुबह स्नान करके संकल्प करना चाहिए और निर्जला व्रत रखना चाहिए।

- दिन में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

- पूजा में धूप, दीप एवं नाना प्रकार की सामग्रियों से विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए।

- कलुषित विचार को त्याग कर सात्विक भाव धारण करना चाहिए।

- रात्रि के समय श्रीहरि के नाम से दीपदान करना चाहिए और आरती एवं भजन गाते हुए जागरण करना चाहिए।