घर की छत बन सकती हैं बर्बादी का कारण, जानें कैसे

हर घर के ऊपर छत होती हैं जिसका संबंध आपके जीवन और आने वाले समय से जुड़ा होता हैं। किसी को अपने घर में खुली छत चाहिए होती हैं तो किसी को बंद। लेकिन वास्तु के अनुसार ये सभी आपके जीवन पर गहरा प्रभाव छोडती हैं। कुंडली का 12वां भाव घर की छत को माना गया है। घर की छत को अच्‍छा रखेंगे तो 12वां भाव भी अच्छा होना माना जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह छत आपकी बर्बादी का कारण बन सकता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

- तिरछी छत बनाने से बचें- छत के निर्माण में इस बात का ध्यान रखें कि वह तिरछी डिजाइन वाली न हों। इससे डिप्रेशन और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।

- घर की छत पर किसी भी प्रकार की गंदगी न करें। यहां किसी भी प्रकार के बांस या फालतू सामान भी न रखें। जिन लोगों के घरों की छत पर अनुपयोगी सामान रखा होता है, वहां नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं। उस घर में रहने वाले लोगों के विचार नकारात्मक होते हैं। परिवार में भी मनमुटाव की स्थितियां निर्मित होती हैं।

- घर की छत का उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर ढलान है तो यह आर्थिक हानी और नुकसान देगा। इसके लिए किसी वास्तुशास्त्री से मिलकर स्थान को देखकर ही ढलान किधर होना चाहिए यह तय होगा।

- घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान न हो। जैसे आजकल घर की छत में लोग दो-बाइ-दो का एक हिस्सा खाली छोड़ देते हैं उजाले के लिए। इससे घर में हमेशा हवा का दबाव बना रहेगा, जो सेहत और मन-मस्तिष्क पर बुरा असर डालेगा।

- घर की छत पर रखा पानी का टैंक किस दिशा में हो, यह जानना जरूरी है। उत्तर-पूर्व दिशा पानी का टैंक रखने के लिए उचित नहीं है, इससे तनाव बढ़ता है और पढ़ने-लिखने में बच्चों का मन नहीं लगता है। दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि की दिशा है इसलिए भी इसे पानी का टैंक लगाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। अग्नि और पानी का मेल होने से गंभीर वास्तुदोष उत्पन्न होता है। वास्तु विज्ञान के अनुसार दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण अन्य दिशा से ऊंचा और भारी होना शुभ फलदायी होता है।