इन 5 राशियों पर पड़ने वाला हैं शनि की साढ़ेसाती का असर, जानें अशुभ प्रभाव से बचाव के उपाय

24 जनवरी 2020 को शनि राशि बदलते हुए मकर राशि में प्रवेश करने वाला हैं। शनि कीई गति मंद होने से इसका प्रभाव लम्बे समय तक रहता हैं और शनि का यह राशि परिवर्तन ढाई साल के बाद होता हैं। शनि के राशि परिवर्तन का अशुभ प्रभाव राशियों पर भी पड़ेगा। कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। मकर पर दूसरा और धनु पर तीसरा चरण होगा। वहीं वृष और कन्या राशि पर शनि की ढैय्या रहेगी। ऐसे में शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए आज हम आपके लिए कुछ उपाय लेकर आए हैं जो आपके लिए मददगार साबित होंगे। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

पहला उपाय

यदि आप पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है तो शमी के पेड़ की जड़ को काले कपड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांधे तथा ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें।

दूसरा उपाय

शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक परिणाम समाप्त हो जाता है।

तीसरा उपाय

कुंडली में शनि से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा प्रसाद चढ़ाएं।

चौथा उपाय

शनिदेव के प्रकोप को शांत करने के लिए यह मंत्र काफी प्रभावी है। सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:। मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।

पांचवां उपाय

शमी का पौधा घर में लगाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी।

छठा उपाय

शनिवार के दिन पीपल को जल देने और तेल का दीपक जलाने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

सातवां उपाय

शनिवार के दिन शनिदेव को नीले रंग का अपराजिता फूल चढ़ाएं और काले रंग की बाती और तिल के तेल से दीप जलाएं। साथ ही शनिवार के दिन महाराज दशरथ का लिखा शनि स्तोत्र पढ़ें।