Ganesh Chaturthi 2018 : गणपति जी ने क्यों लिया महोदर अवतार, आइये जानते है इसका पौराणिक कारण

गणेशोत्सव की धूम चारों तरफ बड़ी आसानी से देखी जा सकती हैं। यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे गणेश चतुर्थी भी बोला जाता है से प्रारंभ होता हैं। इस दिन घरों में गणपति बप्पा की प्रतिमा की स्थापना की जाती हैं और हर व्यक्ति गणपति बप्पा की भक्ति में लगा रहता हैं। अन्नत चतुर्दशी तक चलने वाला गणेशोत्सव का यह दस दिवसीय पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। गणेशोत्सव में गणपति जी के कर रूप की पूजा की जाती हैं। आज हम आपको गणपति जी के महोदर अवतार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। तो आइये जानते हैं गणपति ने क्यों लिया था महोदर अवतार।

जब कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया तो दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने मोहासुर नाम के दैत्य को संस्कार देकर देवताओं के खिलाफ खड़ा कर दिया। मोहासुर से मुक्ति के लिए देवताओं ने गणेश की उपासना की। तब गणेश ने महोदर अवतार लिया। महोदर का उदर यानी पेट बहुत बड़ा था। वे मूषक पर सवार होकर मोहासुर के नगर में पहुंचे तो मोहासुर ने बिना युद्ध किये ही गणपति को अपना इष्ट बना लिया।