Ganesh Chaturthi 2018 : क्या आप जानते हैं श्रीगणेश पाताल लोक के राजा बने थे, पढ़े पूरी कथा

सर्वप्रथम पूजे जाने वाले श्रीगणेश की महिमा को सभी जानते हैं और इनकी इस महिमा को देखते हुए ही गणेश चतुर्थी के दिन सभी अपने घरों में श्रीगणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं। सभी भक्त श्रीगणेश का पूजन करते हुए उनकी कथा सुनते हैं। आपने श्रीगणेश से जुडी कई पौराणिक कथाएँ सुनी होगी, लेकिन आज हम जिस कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं उसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। इस कथा के अनुसार श्रीगणेश पाताल लोक के राजा बने थे। अब यह कैसे हुआ आइये जानते हैं इसके बारे में।

एक बार गणपति मुनि पुत्रों के साथ पाराशर ऋषि के आश्रम में खेल रहे थे। तभी वहां कुछ नाग कन्याएं आ गईं। नाग कन्याएं गणेश को आग्रह पूर्वक अपने लोक लेकर जाने लगी। गणपति भी उनका आग्रह ठुकरा नहीं सके और उनके साथ चले गए।

नाग लोक पहुंचने पर नाग कन्याओं ने उनका हर तरह से सत्कार किया। तभी नागराज वासुकि ने गणेश को देखा और उपहास के भाव से वे गणेश से बात करने लगे, उनके रूप का वर्णन करने लगे। गणेश को क्रोध आ गया। उन्होंने वासुकि के फन पर पैर रख दिया और उनके मुकुट को भी स्वयं पहन लिया।

वासुकि की दुर्दशा का समाचार सुन उनके बड़े भाई शेषनाग आ गए। उन्होंने गर्जना की कि किसने मेरे भाई के साथ इस तरह का व्यवहार किया है। जब गणेश सामने आए तो शेषनाग ने उन्हें पहचान कर उनका अभिवादन किया और उन्हें नागलोक यानी पाताल का राजा घोषित कर दिया।