झाड़ू कितना सिंपल शब्द है, जितना सीधा ये शब्द उतना सीधा इसका काम सफाई करना ताकि हमारा घर साफ़ रहें और लक्ष्मीजी हमारे घर में प्रवेश करें | हर घर में झाड़ू तो मिल ही जाती है | लेकिन हमने कईं बार अपने बड़े-बुज़ुर्गों को कहते सुना है कि शाम को झाड़ू मत लगाओ |आज की पीढ़ी जब ऐसी बातें अपने बड़ों के मुंह से सुनती है तो उन्हें यह सब अंधविश्वास ही लगता है | लेकिन क्या कभी आपने सोचा इसके बारे में वो ऐसा क्यों कहते हैं | इसके पीछे एक बहुत ही बड़ा कारण है अब उसे श्रद्धा कहें या अन्धविश्वास ये आप खुद ही तय कीजिए |
# हमारे भारत देश में हिन्दू धर्म में ये माना जाता है की शाम के समय पर घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए । हमारे बूढे बुजुर्गो के दवारा ये अक्सर सुनने में आता है की शाम के समय माँ लक्ष्मी का आगमन होता है जिस वजह से घर में झाड़ू लगाना का उचित समय नहीं होता है | गौरतलब है की ऐसी मान्यता है की जब सूरज ढल जाए तब घर में झाड़ू लगाना उचित नहीं माना जाता है |
# झाड़ू को हिन्दू धर्म में लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है | मान्यता है कि संध्याकाल और रात में झाड़ू लगाने से लक्ष्मी चली जाती है और व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते हैं | झाड़ू को खड़ा करके रखने पर घर में कलह होती है |
# लेकिन असल में इसके पीछे की घटना काफी दिलचस्प है आपको तो ये मालूम ही होगा की पुराने ज़माने में बिजली नहीं होती थी लोग लालटेन और दिए से रात को अपना काम किया करते थे और उसी उजाले में भोजन भी किया करते थे | तो ऐसे में अंधेरे में झाडू लगाते हुए कई बार जरूरी चीजें भी बाहर कूड़े में ही चली जाती थी जिस वजह से लोग शाम को झाड़ू लगाना बंद कर दिए |