रक्षाबंधन का त्योंहार सावन मास की पूर्णिमा को पूरे देश में मनाया जाता हैं और इस बार यह त्योंहार 26 अगस्त को मनाया जा रहा हैं। यह त्योंहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक हैं, जिसमें त्याग और बलिदान की भावना भी निहित होती हैं। इस त्योंहार की महत्ता अभी से नहीं अपितु पौराणिक काल से चली आ रही हैं। आज हम आपको पौराणिक काल की यम और यमुना की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जो भाई-बहन के बीच के प्यार को दर्शाती हैं। तो आइये जानते हैं इस कहानी के बारे में।
एक पौराणिक कहानी के अनुसार, मृत्यु के देवता यम जब अपनी बहन यमुना से 12 वर्ष तक मिलने नहीं गये, तो यमुना दुखी हुई और माँ गंगा से इस बारे में बात की। गंगा ने यह सुचना यम तक पहुंचाई कि यमुना उनकी प्रतीक्षा कर रही हैं। इस पर यम युमना से मिलने आये। यम को देख कर यमुना बहुत खुश हुईं और उनके लिए विभिन्न तरह के व्यंजन भी बनायीं। यम को इससे बेहद ख़ुशी हुई और उन्होंने यमुना से कहा कि वे मनचाहा वरदान मांग सकती हैं।
इस पर यमुना ने उनसे ये वरदान माँगा कि यम जल्द पुनः अपनी बहन के पास आयें। यम अपनी बहन के प्रेम और स्नेह से गद गद हो गए और यमुना को अमरत्व का वरदान दिया। भाई बहन के इस प्रेम को भी रक्षा बंधन के हवाले से याद किया जाता है।