रक्षाबंधन का त्योंहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता हैं। जिसे पूरे देश में सभी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। सिर्फ उन्हें छोड़कर जिनके कोई भाई या बहन नहीं होते हैं। जी हाँ, ऐसे लोग चाह रखते हैं कि उनके भी कोई भाई या बहन हो। साधारण मनुष्य क्या देवताओं में भी यहीं हाल है कि उन्हें भी रक्षाबंधन के पर्व पर भाई-बहन की कमी महसूस होती हैं ओर इससे जुड़ा एक पौराणिक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
भगवान विष्णु के दो पुत्र हुए शुभ और लाभ। इन दोनों भाइयों को एक बहन की कमी बहुत खलती थी, क्यों की बहन के बिना वे लोग रक्षाबंधन नहीं मना सकते थे। इन दोनों भाइयों ने भगवान गणेश से एक बहन की मांग की। कुछ समय के बाद भगवान नारद ने भी गणेश को पुत्री के विषय में कहा।
इस पर भगवान गणेश राज़ी हुए और उन्होंने एक पुत्री की कामना की। भगवान गणेश की दो पत्नियों रिद्धि और सिद्धि की दिव्य ज्योति से माँ संतोषी का अविर्भाव हुआ। इसके बाद माँ संतोषी के साथ शुभ लाभ रक्षाबंधन मना सके।