रक्षाबंधन का त्योंहार सिर्फ भाई-बहन के प्यार को ही नहीं दर्शाता है बल्कि यह जीवन की मान-मर्यादा को भी दर्शाता हैं। यह त्योंहार एक भाई का अपनी बहन की रक्षा के प्रति प्रण हैं, जिसमें अगर प्राणों का भी बलिदान करना पड़े तो कम हैं। राखी के पीछे कई आध्यात्मिक रहस्य और भाव छिपे हुए होते हैं। आज हम आपको उन छिपे हुए रहस्यों के बारे में ही बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं।
* तिलक लगाते समय बहन भाई को स्मृति दिलाती है कि हम आत्मा रूप में भाई-भाई हैं और शरीर के संबंध से बहन-भाई। हमारा पिता अविनाशी है। इसलिए तुम अपने जीवन का दैवी गुणों से श्रृंगार कर सदैव इस संसार में अमर रहो।
* दूसरा, तिलक लगाने के बाद बहन, भाई का मुख मीठा कराती है। इसका रहस्य यह है कि तुम्हारे मुख से सदैव मीठे बोल निकलें और तुम सदैव दूसरों को मीठे वचनों की मिठाई बांटते रहो।
* तीसरा, बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है। इसका आध्यात्मिक रहस्य यह है कि अपनी आत्मा के अंदर विकार वश जो भी बुराइयां हैं उन्हें परमात्मा की याद व शक्तियों द्वारा भस्म कर, पवित्र रहने का और दूसरों को पवित्र बनाने का संदेश देने की प्रतिज्ञा करो।