हथेली के ये निशान बनाते हैं व्यक्ति को भाग्यशाली, होता हैं धन-संपदा का आगमन

ज्योतिष की प्रमुख शाखा हैं हस्तरेखा विज्ञान जिसकी बदौलत हथेली को देख व्यक्ति के जीवन में शुभ-अशुभ और सुख-सुविधा का पता लगाया जा सकता हैं। हथेली में स्थित रेखाएं और चिह्न व्यक्ति के आने वाले समय को दर्शाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हथेली के कुछ ऐसे शुभ निशान की जानकारी देने आए हैं जो आपके भाग्यशाली होने की ओर इशारा करते हैं एवं जीवन में धन-संपदा का आगमन होता हैं। यदि किसी व्यक्ति की हथेली में ये रेखाएं होती हैं तो ऐसा जातक बेहद धनवान माना जाता है। तो आइये जानते हैं हथेली के इन शुभ निशान के बारे में।

जब हथेली में बनता है शुक्र पर्वत

हथेली पर शुक्र पर्वत अंगूठे के नीचे बने उभार वाले हिस्से को कहते हैं। अगर किसी व्यक्ति का शुक्र पर्वत ऊंचा उठा हो तो वह धनी होता है। जिस व्यक्ति का शुक्र पर्वत उठा हुआ होता है वह सभी तरह के भौतिक सुख प्राप्त करता है।

भाग्य और सूर्य रेखा का मिलन

अगर हथेली पर भाग्य रेखा सूर्य रेखा पर जाकर मिलती है तो ऐसे व्यक्ति को अचानक धन की प्राप्ति होती है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हथेली पर मछली का निशान काफी शुभ माना जाता है। यह निशान भी अचानक धन प्राप्ति का संकेत माना जाता है।

अगर मणिबंध से निकले रेखा

अगर मणिबंध से निकलती हुई सीधी और स्पष्ट रेखा शनि पर्वत पर जाती हो तो ऐसा व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली और धनवान होता है। हस्तरेखा में भाग्य रेखा मुख्य रेखा होती है। अगर भाग्य रेखा पर त्रिकोण का निशान बना हो तो उसे अचल सम्पति मिलती है।

जब मस्तिष्क रेखा पर बने त्रिकोण निशान

मस्तिष्क रेखा पर त्रिकोण का निशान बनने पर व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है उसको पैतृक सम्पति मिलती है। अगर किसी व्यक्ति की हथेली पर दो सूर्य रेखा बनती है तो ऐसा व्यक्ति समाज में मान-सम्मान और काफी धन संपत्ति से समृद्धि रहता है।

जब शुक्र पर्वत पर बने वर्गाकार निशान

अगर जिस किसी व्यक्ति के हथेली पर शुक्र पर्वत पर वर्ग का निशान बना होता है तो उसका विवाह धनी परिवार में होता है। वहीं अगर गुरु पर्वत पर क्रास का निशान बना हो तो ऐसा व्यक्ति विवाह के बाद काफी धन-संपदा प्राप्त करता है।

अगर मणिबंध पर बने तीन रेखाएं

अगर मणिबंध पर तीन स्पष्ट रेखाएं बनती हैं तो ये रेखाएं भाग्यशाली और धनवान बनाती हैं। हस्तरेखा में कलाई पर बने मणिबंध की रेखाओं का संबंध पिछले जन्मों में किए गए कर्मों के आधार पर बनती है।