Ganesh Chaturthi 2018 : गणेश जी को पसंद है दूर्वा, चढ़ाने से भक्तों पर बरसती है कृपा

भारत में गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi 2018 का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। इस दिन से लेकर अनन्त चतुर्दशी तक गणपति जी का पूजन बड़े धूमधाम के साथ किया जाता हैं। पूजन में उन वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता हैं, जो गणपति जी को बहुत प्रिय होती हैं। इसमें दूर्वा को सबसे ऊपर माना जाता हैं, क्योंकि गणपति जी को दूर्वा अतिप्रिय होती हैं और इसको चढ़ाने से गणेशजी भक्तों पर कृपा बरसाते है। आज हम आपको इससे जुडी पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं की क्यों गणेश जी को इतनी पसंद है दूर्वा। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

पुराणों में कथा के अनुसार एक समय अनलासुर नाम का एक राक्षक हुआ था। इसके कोप और अत्याचार से सभी जगह त्राही-त्राही मची हुई थी। ऋषि मुनि देवता इंसान पशु पक्षी सभी इसके अत्याचार से दुखी हो चुके थे। सभी इसके आतंक को रोकने के लिए शिवजी के पास जाकर विनती करते है की हे भोलेनाथ हमें इस निष्ठुर दैत्य से बचा ले। इसके आतंक का अंत जल्द से जल्द करे।

शिवजी उनकी करुणामई विनती सुनकर उन सबसे कहते है की इसका निधान तो सिर्फ गणेश के पास है। सभी फिर श्री गणेश से अनलासुर का संहार करने की बात करते है तो गजानंद ऐसा करने का हामी भर लेते है। फिर श्री गणेश और अनलासुर में एक युद्ध होता है जिसमे लम्बोदर उस दैत्य को निगल लेते है। दैत्य को निगलने के बाद गणेश के पेट में तेज जलन होती है। यह जलन असहनीय हो जाती है। देवी देवता ऋषि मुनि सभी उन्हें उपचार में लग जाते है पर उन्हें आराम नही आता।

तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठ बनाकर श्रीगणेश को खाने को देते है। इसे खाते ही उनके पेट की जलन एकदम से शांत हो जाती है। श्री गणेश कश्यप ऋषि और उनके द्वारा भेट में दी गयी उस दूर्वा से बहूत प्रसन्न होते है और कहते है की जो भक्त इस तरह मुझे दूर्वा चढ़ाएगा वो मेरी विशेष कृपा का पात्र होगा। तब से भक्तो द्वारा यह परम्परा चली आ रही है।