इन 5 जगहों पर भूलकर भी न ले जाएं जूते-चप्पल, वरना जीवन भर रहोंगे परेशान

वास्तु शास्त्र में मनुष्य के हित और लाभ के लिए बहुत सारी बातें बताई गयी है। यदि व्यक्ति इन बातों पर अमल करे तो वह अपने जीवन में आने वालें दुःख, तकलीफ और परेशानियों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकता है। शास्त्रों में 5 ऐसी जगहों के बारे में बताया गया है जिसको बहुत ही पवित्र माना जाता है। इन पांच जगहों पर किसी भी तरह से जूते-चप्पल पहन कर जाना बड़ा ही अशुभ माना जाता है। आइए जानते है ये 5 जगह कौन सी होती है।

घर में रसोई घर का खास महत्व होता है। रसोई में ही तरह-तरह के भोजन बनते है जिनसे मनुष्य की भूख शांत है। इसलिए धर्म ग्रन्थों में आग और अन्न को देव के सामान माना गया है। रसोई घर में खाना बनाते समय जूते- चप्पल पहनना अशुभ होता है।

घर का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा घर की तिजोरी होती है क्योंकि इसी स्थान पर देवी लक्ष्मी का वास होता है। माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए तिजोरी से सामान रखते या निकालते समय भी जूते- चप्पल नहीं पहना चाहिए।

भंडार घर का संबंध भी अन्न से होता है। घर के इस खास जगह में जूते-चप्पल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति भंडार घर में जूते-चप्पल का प्रयोग नहीं करता और वहां की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखता है उसके घर में अन्नदेवी की कृपा हमेशा रहती है और कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है।

पूजा-अर्चना के लिए मंदिर का खास स्थान होता है। मंदिर में साक्षात देवी-देवताओं का वास माना जाता है। मंदिर जाते समय विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखें की आप जूते-चप्पल आदि पहन कर मंदिर में प्रवेश न करें।

जिस तरह से मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर भगवान के दर्शन करना अशुभ होता है ठीक उसी तरह से किसी पवित्र नदी उसी तरह पवित्र नदियों में भी स्नान करने से पहले जूते-चप्पल या चमड़े से बनी वस्तुएं उतार देना चाहिए।