जन्माष्टमी 2021 : व्रत के दौरान ना करें ये गलतियां, उत्साह से मनाए कान्हा का जन्मोत्सव

कान्हा के जन्मोत्सव का दिन आ चूका हैं जिसे सभी कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में जानते हैं। हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह मनाया जाता हैं। मंदिर हो या घर सभी जगह इस दिन कान्हा को अभिषेक कराते हुए श्रृंगार कर भोग लगाया जाता हैं। इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि जन्माष्टमी का व्रत रखने से निसंतान जोड़े को संतान सुख की प्राप्ति होती है। वहीं, सुहागिन औरतें पुत्र व पति की लंबी आयु के लिए भी जन्माष्टमी का निर्जला व्रत करती हैं। जबकि कुवांरी कन्याएं भगवान श्रीकृष्ण जैसा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। इस कड़ी में हम आपको इस व्रत के दौरान जिन गलतियों को नहीं किया जाना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

महिलाऐं ना करें ये गलतियां

व्रत रखने के वाली महिलाएं इस दिन कोई भी नकारात्मक विचार, क्रोध व बुरी बातें मन में ना लाएं। व्रत के एक दिन पहले व बाद में लहसुन, प्याज, मांसहार, शराब या तामसिक भोजन से दूरी बना लें।

तुलसी के पत्ते

जन्माष्टमी पर तुलसी या कोई भी पौधा ना तोड़ना अशुभ माना जाता है। प्रसाद के लिए भी एक दिन पहले ही तुलसी की पत्तियां तोड़कर फ्रिज में रख लें। हो सके तो इस दिन पौधे जरूर लगाएं।

जन्माष्टमी के व्रत में पानी कब पिए

जन्माष्टमी पर सुबह जल्दी उठकर भरपूर पानी पी लें क्योंकि व्रत के दौरान जलाहार नहीं किया जाता। अगर आप फलाहार व्रत रख रही हैं तो भी पानी ग्रहण नहीं कर सकती लेकिन दिन में एक समय फल खा सकती हैं।

काम भाव पर नियंत्रण रखें

शास्त्रों के मुताबिक, जन्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने वालों को पाप लगता है इसलिए शादीशुदा कपल्स यौन संबंध और काम भाव पर नियंत्रण रखें।

चावल या जौ का सेवन

शास्त्रों के अनुसार, एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल या जौ से बनी चीजें नहीं खानी चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि इस दिन रात 12 बजे से पहले अन्न का सेवन ना करें।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। lifeberrys हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क जरुर करें।)