शुरू हो चुका हैं होलाष्टक, भूलकर भी ना करें ये 5 काम

होली से पहले के 8 दिन होलाष्टक के रूप में जाने जाते है जो इस बार 2 मार्च, 2020 से शुरू होकर 9 मार्च को समाप्त होगा। 8 दिनों का होलाष्टक का यह समय मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता हैं। होलाष्टक के बाद होलिका दहन की परंपरा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इन 8 दिनों में हिरण्यकश्यप द्वारा भक्त प्रह्लाद को अनेक प्रकार के कष्ट और यातनाएं दी गई थी। इसलिए इसे अशुभ माना गया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इन 8 दिनों में आपको कौनसे काम नहीं करने चाहिए।

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संपत्ति की खरीद-बिक्री

ये कार्य भी होलाष्टक काल में नहीं किया जाना चाहिए। इससे अशांति का माहौल बनता है। संभव है कि आपने जो संपत्ति खरीदी या बेची है, वह बाद में आपके लिए परेशानी का सबब बन जाए। इसलिए कुछ दिन रूककर और होलाष्टक खत्म होने के बाद ही इन कार्यों को हाथ लगाएं।

शादी

ये किसी के भी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण लम्हों में से एक होता है। यह वो मौका होता है जब आप किसी के साथ पूरा जीवन व्यतीत करने के वादे करते हैं। यहां से जिंदगी का एक अलग पन्ना भी शुरू होता है। इसलिए शादी को बहुत ही शुभ माना गया है। यही कारण है कि हिंदू धर्म मे होलाष्टक में विवाह की मनाही है। अत: इन दिनों में विवाह का कार्यक्रम नहीं किया जाना चाहिए।

नामकरण संस्कार

किसी नवजात बच्चे के नामकरण संस्कार को भी होलाष्टक में नहीं किया जाना चाहिए। हमारा नाम ही पूरे जीवन के लिए हमारी पहचान बनता है। नाम का असर भी हमारे जीवन पर अत्यधिक पड़ता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि इसे शुभ काल में किया जाए।

नया व्यापार और नई नौकरी

आप नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं या फिर कोई नई नौकरी ज्वाइन करना चाहते हैं तो बेहतर है इन दिनों में इसे टाल दें। आज की दुनिया में व्यवसाय या नौकरी किसी के भी अच्छे जीवन का आधार है। इसलिए होलाष्टक के बाद इन कार्यों को करें। इससे सकारात्मक ऊर्जा आपके साथ रहेगी और आप सफलता हासिल कर सकेंगे।

विद्या आरंभ

बच्चों की शिक्षा की शुरुआत भी इस काल में नहीं की जानी चाहिए। शिक्षा किसी के भी जीवन के सबसे शुभ कार्यों में से एक है। इसलिए जरूरी है कि जब अपने बच्चे को किसी गुरु के देखरेख में दिया जाए तो वह शुभ काल हो। इससे बच्चे की शिक्षा को लेकर अच्छा असर होता है और तेजस्वी बनता है।