नवरात्रा स्थापना: जाने शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

नौ देवियों का पर्व नवरात्रि इस बार 21 सितंबर से शुरू हो रहा है और 29 सितम्बर तक चलेगा. नवरात्रि में नौ दिनों तक सभी देवियों की पूजा आराधना की जाती हैं। इस त्यौहार में चाहे सुहागन हो कन्या हो नौ दिनों का व्रत रखती है। यह त्यौहार बंगाल के साथ पूरे भारत में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस पूजा में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है।

कलश स्थापना


मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद लेने की अगर कामना करते हैं तो आपको कुछ बातें विशेष तौर पर अपनानी होंगी। जिसमें सबसे पहले हैं शुभ मुहूर्त में पूजा करना। नवरात्र में लोग अपने घरों में कलश स्थापना करते हैं। ये कलश शुभ मुहूर्त में स्थापित करना चाहिए।कलश स्थापना समय-5:41 बजे से कन्या लग्न 7:54 बजे तक शुभ नाम की चौघड़िया रहेगी।

नवरात्र स्थापना मुहर्त

इस बार नवरात्रि का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इसके बाद नौ दिन तक रोजाना मां दुर्गा का पूजन और उपवास किया जाता है. अभिजीत मुर्हूत 11.36 से 12.24 बजे तक है।


पूजा सामग्री

कलश, गेहूं , जौ, अक्षत,बालू, पंच पल्लव अथवा आम का पल्लव, ढक्कन,चंदन, द्रव्य,गंगाजल,पान पत्ता, कसेली, सर्व अौषधि,जटामासी, द्रव्य, वस्त्र,हल्दी, दूब,पंच रत्न, सप्तमृतिका, सर्वअौषधि, जनेऊ, दूब,गाय का गोबर, गौ मूत्र,पीला सरसों, चौकी, धूप,दीप,गुड़, मधु, लौंग, इलाइची, पंचमेवा, विल्वपत्र, फूल,फूल का माला, अबीर,गुलाल, मेंहदी,काजल,कमलगट्टा,भोजपत्र सहित अन्य सामाग्री.