चैत्र शुक्ल पक्ष पडवा से प्रारंभ हो रहे इस बार के चैत्र नवरात्र अनेकों सुख समृधि देने वाले हैं अगर विधि विधान से इस दौरान विशेष पूजा अर्चना किया जाये। इस बार 28 मार्च से 5 अप्रेल तक नवरात्रा की पूजा विधि विधान से की जाएगी।
माता के नौ दिनों के अलग अलग रूप होते है इसलिए इन सारे दिनों में माता के अलग अलग रूपों के अलग अलग भोग लगता है। आज हम आपको बता रहे है इन सभी दिनों की अलग अलग पूजन विधियाँ जिनसे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी :
पहला दिन : देवी को घी से बने पदार्थो का भोग लगायें इससे रोगादि दोष दूर होंगे। इस दिन गरीबों को दान अवश्य करें।
दूसरा दिन: इस दिन आयु में वृद्धि और कष्टों के निवारण के लिए माता को शर्करा का भोग लगायें।
तीसरा दिन : तीसरा दिन दूध चढाने पर माता प्रसन्न होती हैं और आपके कष्टों का निवारण करती हैं।
चौथे दिन : इस दिन शुद्ध तरीके से घर में बनाये गये मालपुए का भोग माता को अर्पण करें।
पांचवा दिन : शहद और केलों का भोग लगायें। इनका दान करना भी फलदायक है।
छठा दिन : आज के दिन भी माता को प्रसन्न करने के लिए केलों और शहद का भोग लगायें। शहद का भोग लगाने से धन समृधि के आसार बनते हैं।
सातवाँ दिन : आज विशेष रूप से गुड से बने पदर्थो का और गुड का भोग अर्पण करें। श्रद्धा पूर्वक ऐसा करने से गरीबी दूर होती है।
आठवां दिन : इस माता दुर्गा की पूजा की जाती है। माँ दुर्गा को नारियल का भोग लगायें और थूली (गुड और दलिए से बना व्यंजन ) का भोग लगायें। माता की विशेष कृपा होगी।
नवम दिन : जीवन में सुख शांति और समृधि बनाये रखने के लिए माता को अलग अलग अनाजों का भोग लगायें।
विशेष : इन सभी दिनों में जिस भी चीज़ का भोग लगाया जा रहा है उन चीज़ों का दान अवश्य करें। इस प्रकार विशेष फल मिलता है