आज नवरात्रि के त्योहार का सातवाँ दिन हैं और आज से नवरात्रि के त्योहार को समाप्त होने में बस तीन दिन ही बचे हैं। आज से ही सभ लोग अपने घरों में कन्या पूजन करते हैं और कन्याओं को भोजन करवाकर उपहार और दक्षिणा देते हैं। क्योंकि कन्याओं को मातारानी का रूप माना जाता हैं और कन्या पूजन से मातारानी प्रसन्न होती हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि हर उम्र की कन्या माता के विशेष स्वरुप के लिए जानी जाती हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में जानकारी।
* दो वर्ष की कन्या को कौमारी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसके पूजन से दुख और दरिद्रता समाप्त हो जाती है।
* तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति मानी जाती है। त्रिमूर्ति के पूजन से धन-धान्य का आगमन और संपूर्ण परिवार का कल्याण होता है।
* चार वर्ष की कन्या कल्याणी नाम से संबोधित की जाती है। कल्याणी की पूजा से सुख-समृद्धि मिलती है।
* पांच वर्ष की कन्या रोहिणी कही जाती है। रोहिणी की पूजन से व्यक्ति रोग मुक्त होता है।
* छह वर्ष की कन्या चण्डिका के पूजन से ऐश्वर्य मिलता है।
* सात वर्ष की कन्या को चंडिका माता माना जाता है।
* आठ वर्ष की कन्या शाम्भवी की पूजा से लोकप्रियता प्राप्त होती है।
* नौ वर्ष की कन्या दुर्गा की अर्चना से शत्रु पर विजय मिलती है तथा असाध्य कार्य सिद्ध होते हैं।