इस साल नागपंचमी का पर्व 15 अगस्त को हैं जो कि बहुत विशेष हैं। ऐसा संयोग आज से 38 साल पहले बना था। इस साल नाग पंचमी पर कर्कोटक नाम का कालसर्प योग बन रहा है, जिसका विशेष महत्व माना जाता हैं। नागपंचमी के दिन सभी भक्तगण भगवान शिव की पूजा के साथ नागदेवता की पूजा भी करते हैं। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष माना जाता हैं जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष हों। क्योंकि नाग पंचमी के शुभ मुहूर्त में किये गए उपाय कालसर्प दोष से निजात दिला सकते हैं। आइये जानते हैं किस तरह।
आज 38 साल के बाद दोबारा 15 अगस्त आजादी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। इस बार नागपंचमी को हस्त नक्षत्र, साध्य योग और चंद्रमा के कन्या राशि में रहते मनाई जाएगी। बुधवार 15 अगस्त को हस्त नक्षत्र का होना सर्वार्थसिद्धि योग बनाएगा। कालसर्प दोष के निवारण की पूजा करने का यह दिन खास रहेगा।
इस बार 15 अगस्त के दिन नागपंचमी पर स्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। ज्योतिष में इस योग को बहुत ही शुभ योग माना गया है। नागपंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 54 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है तो नागपंचमी के दिन पूजा करने से कालसर्प दोष दूर हो जाता है। कालसर्प दोष को दूर करने के लिए यह दिन बहुत विशेष माना जाता है। इस दिन नागों की पूजा और ऊं नम: शिवाय का जप करना फलदायी होता है। इसके अलावा इस दिन पर रुद्राभिषेक करने से भी जातक की कुंडली से कालसर्प दोष दूर हो जाता है।