गणेश चतुर्थी का त्यौंहार आने वाला हैं और सभी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। क्योंकि इस दिन बाप्पा का आगमन कर उनका पूजन किया जाता है। पूजन में गणपति जी की पसंदीदा सभी चीजों को शामिल किया जाता हैं ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सकें। लेकिन इसी के साथ ही उन चीजों से भी दूरी बनानी चाहिए जो गणपति जी को पसंद नहीं हैं। इन्हीं में से एक हैं चन्द्रमा जिसे गणेश चतुर्थी के दिन देखने से गणपति जी कुपित हो जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता हैं, आइये जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कथा।
एक बार श्री गणेशजी रात्रि के समय अपनी सवारी मूषक पर बैठकर किसी जगह से भोज करके आये थे। बहुत सारे लड्डू खाने से उनका उदर (पेट) ज्यादा ही बाहर निकल गया। वे अपनी सवारी पर अच्छे से बैठ भी नहीं पा रहे थे। यह सब आसमान पर से चंद्रमा देख रहा था। उन्हें यह नजारा देख कर बहुत हंसी आ रही थी। रोकने के बाद भी जब उनकी यह हंसी नही रुकी तो वे जोर जोर से पेट पकड़ कर हसने लग गये। जब यह सब गणेशजी ने देखा तो उन्हें इस बात पर बहुत गुस्सा आया। उन्हें लगा की चंद्रमा ने अपनी सुन्दरता के अभिमान के कारण उनका उपहास किया है।क्रोधित होकर उन्होंने उसी क्षण चंद्रमा को श्राप दे दिया की तुम्हे जिस चांदनी पर घमंड है वो अबसे कालिमा में बदल जाएगी। देखते ही देखते चंद्रमा काले हो गये। उन्हें अपनी भारी गलती का अहसास हुआ और वे क्षमा याचना मांगने लगे। इसलिए गणेश चतुर्थी पर चन्द्रमा के दर्शन नहीं किये जाते और अगर ऐसा किया जाता है तो गणेशजी कुपित हो जाते हैं और हम पर झूठे आरोप लग जाते हैं।