Ganesh Chaturthi 2019: कैसे किया था गणेशजी ने कुबेर का घमंड चूर, जानें यह कथा

आज भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी है जो कि गणपति जी को समर्पित होती है और आज के दिन ही गणेश चतुर्थी का त्यौंहार मनाया जाता हैं। सभी भक्तगण आज के दिन गणेश जी का आगमन करते हैं और उनकी सेवा कर उनको भोग लगाते हैं। इस दिन सभी लोग अमीर हो या गरीब एकसमान होते हैं। गणपति जी के सामने कोई भी अमीर अपना वर्चस्व नहीं दिखा सकता हैं। क्योंकि एक बार धनकुबेर ने अपना अमीरी का घमंड दिखाया था जिसे गणपति जी ने तोडा था। आज हम आपको इसी से जुड़ी पौराणिक कथा की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

एक बार कुबेर को अपने धन धान पर बहुत ज्यादा अहंकार हो गया। उसने सोचा की उसके पास तीनो लोको में सबसे ज्यादा सम्पति है, क्यों ना एक भव्य भोज का आयोजन करके अपना वैभव दिखाया जाये। कुबेर ने सभी देवी देवताओ को इस महा भोज में आमंत्रित किया।

वे भगवान शिव की निवास स्थली कैलाश भी गये और उन्हें परिवार सहित आने का आमंत्रण दे दिया। भोलेनाथ तो सब कुछ जानने वाले है। वे समझ गये की कुबेर को अपने धन पर घमंड हो गया है और उन्हें सही राह दिखाई चाहिए। शिव ने कुबेर से कहा की वो तो आ नही सकते पर उनका पुत्र श्री गणेश जरुर भोज में आ जायेंगे। कुबेर खुश होकर चले गये। महा भोज वाला दिन आ गया। कुबेर ने दुनिया भर के पकवान सोने चांदी के थालो में परोस रखे थे। सभी देवी देवता भर पेट खाकर कुबेर के गुणगान करते विदा होने लगे।

अंत में श्री गणेश वहां पहुँच गये। कुबेर ने उन्हें विराजित किया और खाना परोसने लगे। गणपति जी अच्छे से जानते थे की कुबेर का कैसे घमंड दूर करना है। वे खाते ही जा रहे है। धीरे धीरे कुबेर का अन्न भोजन भंडार खाली होने लगा पर गणेश जी का पेट तो भरा ही नही।

कुबेर ने गणेश जी के फिर से भोजन की व्यवस्था की पर क्षण भर में वो भी खत्म हो गया। गणेश जी भूख से पागल से हो गये थे। वे कुबेर के महल की चीजो को भी खाने लगे। कुबेर घबरा गये और उनका अहंकार भी खत्म हो गया। वे अच्छे से समझ गये की धन के देवता होने के बाद भी आने वाले अतिथि का पेट तक नही भर सकते। कुबेर देवता गणेश जी के चरणों में पड़ गये और अपने घमंड के लिए क्षमा मांगी। गणेश जी ने अब अपनी लीला खत्म की और उन्हें माफ़ कर सदबुद्धि प्रदान की।