Ganesh Chaturthi 2019: गणपति जी को भी करना पड़ा था विवाह के लिए लंबा इंतजार, जानें कैसा हुआ समाधान

गणेश चतुर्थी का त्यौंहार अपने साथ जोश और उत्साह लेकर आता हैं जिसकी मदद से यह त्यौंहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं। आज इस त्यौंहार के ख़ास मौके पर हम आपको गणपति जी से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं जिसके अनुसार गणपति जी की शादी नहीं हो पा रही थी और उनके विवाह में कई विघ्न आ रहे थे। तो आइये जानते हैं इस कथा के बारे में किस तरह गणपति जी की शादी के योग बने।

गणेश जी का मुख गजरुपी होने से कोई भी कन्या उनसे विवाह करने में रूचि नही दिखाती थी। यह बात गणेश जी को चिंतित कर रही थी। वे इसी कारण उदास रहने लग गये थे। जब कोई विवाह में उन्हें आमंत्रित किया जाता तो यह उन्हें दर्द देता था। यह दुःख गणेश जी की सवारी चूहे से नही देखा जा रहा था। अत: जब भी कोई विवाह होना होता, चूहा वहा पहुँच जाता और मंडप को खोखला कर देता। विवाह में काम आने वाले वस्त्रो को काट देता।

अपनी इन परेशानियों को वे माँ पार्वती और शिव जी को बताते है। तब गणेश जी के माता पिता उन्हें ब्रह्मा जी के पास जाकर समाधान मांगने की सलाह देते है। देवता ब्रह्मा जी के पास जाते है और गणेश जी और उनके चूहे के विवाह में डाले गये विध्नो की बात बताते है। ये सारी बात सुनकर ब्रह्मा जी अपनी सिद्धियों से दो कन्या को प्रकट किया जिनका नाम रिद्दी और सिद्धि था। ब्रह्मा जी ने भगवान गणेश को सुझाव दिया की वे इन दोनों कन्याओ से विवाह करे ले। इस तरह विवाह में कई विध्न आ जाते थे। देवता और मनुष्य के लिए यह गणेश जी का चूहा परेशानी बन गया था।