हिंदू धर्म में पंचक का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिषियों के मुताबिक, हर महीने ऐसे पांच दिन आते हैं जिनमें शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। कुछ पंचक अत्यंत अशुभ माने गए हैं। पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में 5 दिन ऐसे होते हैं जिनमें शुभ कार्यों की नहीं किया जाता है। शनिवार के साथ शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। मृत्यु पंचक को बेहद अशुभ समझा जाता है।
कब लगता है पंचक?ज्योतिष गणना के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र, और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, में भ्रमण करता है तो इस अवधि को पंचक कहा जाता है। पंचक कुल 5 दिन के होते हैं। इसके अलावा, चंद्रमा जब कुंभ या मीन राशि में प्रवेश करता है तो पंचक की शुरुआत होती है।
कब से कब तक रहेगा मृत्यु पंचकआषाढ़ मास का पंचक विशेष माना गया है। आषाढ़ मास बीते 15 जून 2022 बुधवार से आरंभ हो चुका है। पंचांग के अनुसार पंचक 18 जून 2022, शनिवार 6 बजकर 43 मिनट से आरंभ हो रहा है और 23 जून 2022, गुरुवार को पंचंक समाप्त होगा। पंचक 23 जून को सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस दौरान कुछ विशेष बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है।
पंचक में न करें ये काम - ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में लकड़ी संबंधी कोई काम न करें।
- इस अवधि में छत की ढलाई करना भी मना होता है। ऐसा करने से वहां रह रहे लोगों में लड़ाई रहने लगती है।
- पंचक के दौरान बेड या चारपाई भी नहीं बनवानी चाहिए।
- इस दौरान दक्षिण की ओर यात्रा करने से बचें। इससे अशुभ परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
- पंचक में शव जलाने की मनाही होती है।