भगवान शिव के मंदिर में ताली बजाना कर सकता है उन्हें नाराज़, आइये जानते है इसके पीछे का कारण

हिन्दू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती हैं और सभी की पूजा से जुड़े कुछ नियम होते हैं। सावन के इन दिनों में भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती हैं। सभी भक्तगण भगवान शिव के मंदिर जाते हैं और तालियों के साथ पूजा-आरती करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि भगवान शिव के मंदिर में ताली बजाना आपके लिए खतरनाक हो सकता हैं। जी हाँ, ऐसे कई मौके होते हैं जब भगवान शिव के मंदिर में ताली नहीं बजाई जाती हैं, नहीं तो आपको भगवान शिव की नाराजगी झेलनी पड़ सकती हैं। तो आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव के मंदिर में ताली बजाना वर्जित है। यह मान्यता आपको भी अचंभित कर सकती है लेकिन बिल्कुल सच है। शिव मंदिर में खास अवसरों को छोड़कर ताली नहीं बजानी चाहिए। कहा जाता है कि भगवान शिव समाधि लगाए रहते हैं।

इस दौरान वे गहरे ध्यान में रहते हैं। पौराणिक कथाओं में भी आता है कि शिव का ध्यान भंग करना बहुत मुश्किल कार्य रहा है। भगवान शिव ने एक बार कामदेव तक को भस्म कर दिया था, क्योंकि उसने शिवजी के ध्यान को भंग करने का दुस्साहस किया था। इसलिए कहा जाता है कि शिव मंदिर में शांति का माहौल रहना चाहिए। शिव लगातार जलधारा के नीचे ध्यान लगाए रहते हैं।

उन्हें शोर-शराबा बिल्कुल पसंद नहीं है। ध्यान और समाधि लगाने के लिए वे श्मशान हो या कैलाश - हमेशा निर्जन स्थान पर रहते हैं। यह भी कहा जाता है कि शिवलिंग के पास तीन बार ताली नहीं बजानी चाहिए। यह शिव के ध्यान को भंग करने की एक कोशिश हो सकती है जो भगवान को बिल्कुल पसंद नहीं है।

ताली बजाने से शिव का ध्यान भंग होता है। बेवजह शिवजी का ध्यान भंग करना उनके क्रोध का कारण हो सकता है। इसका खामियाजा उस व्यक्ति को भुगतना पड़ता है जो उनका ध्यान भंग करता है। यह भी माना जाता है कि इससे शिव के साथ ही उनके भूतगण तक रुष्ट हो सकते हैं।

जब शिवजी की पूजा हो रही हो, तभी ताली, शंख, घंटी एवं अन्य वाद्य बजाए जा सकते हैं। इसके अलावा मंदिर में कभी कोई वाद्य नहीं बजाना चाहिए।