सावन स्पेशल : आज तीसरे सोमवार पर बन रहे कई शुभ संयोग, उठाएं शिव पूजा का लाभ

आज सावन का तीसरा सोमवार है जो कि शिव पूजा के लिए बहुत उपयोगी हैं। लेकिन इसी के साथ ही आज के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं जो इस दिन को और भी विशेष और फलदायी बनाते हैं। आज का दिन शिव भक्तों के लिए शुभ अवसर हैं जिससे इस शुभ योग में आराधना कर सभी मनोकामनाएं पूरी की जा सकती हैं। शिव का आशीर्वाद आपके घर में सुख-समृद्धि लेकर आएगा। तो आइये जानते हैं सावन के तीसरे सोमवार पर बन रहे इन खास संयोग के बारे में।

हरियाली अमावस्या

सावन मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं। यह योग भी सावन की तीसरे सोमवार को बन रहा है। यह अमावस्या मानसून के मौसम को दर्शाता है, जो धरती पर चारो तरफ हरियाली करता है। इस समय प्रकृति का नजारा देखने लायक होता है। हर चीज बारिश में नहाकर नई प्रतीत लगती है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करके परिक्रमा करने से विशेष लाभ मिलता है। इससे जीवन की सभी परेशानियों का अंत हो जाता है।

सोमवती अमावस्या

सावन के तीसरे सोमवार पर पितरों की पूजा के लिए अच्छा संयोग बन रहा है। इस दिन सोमवती अमावस्या भी पड़ रही है। देश के कुछ हिस्सों में इस अमावस्या को दीप अमावस्या भी कहते हैं। इसमें पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान व तर्पण करते हैं। जिससे पितर परलोक में शांति प्राप्त कर सकें और पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और वंश की वृद्धि होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

सावन के तीसरे सोमवार पर हर कार्य को सिद्धि देने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो सौभाग्यदायनी माना गया है। यह योग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहेगा। इस शुभ योग में जो भी कार्य करेंगे, उसकी शुभ फल की प्राप्ति होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की पूजा करने सौभाग्य की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन सुखयम रहता है। इस दिन भगवान शिव की आरधना करने पर सुयोग्य वर-वधु मिलने के योग बनते हैं।

47 साल बाद बन रहा है संयोग

सावन के तीसरे सोमवार पर कई शुभ और अद्भुत संयोग बन रहे हैं। साथ ही सावन में इस बार अमावस्या और पूर्णिमा दोनो सोमवार को पड़ रही हैं, ऐसा संयोग 47 साल बाद बन रहा है। इसलिए भी सावन का महीना बेहद खास हो जाता है। इस मौके पर शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना बेहद लाभदायी होता है। इससे सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

इस तरह करें पूजा

सोमवार को सुबह स्नान करके एक तांबे के लोटे में अक्षत, दूध, पुष्प, बेल पत्र आदि डालें। इसके बाद शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग का अभिषेक करें। इस दौरान ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें। संभव हो, तो मंदिर परिसर में ही शिव चालीसा और रुद्राष्टक का पाठ करें। अगर आप मंदिर नहीं जा सकते तो केवल घर पर रहकर ही पूजा कर सकते हैं।